First Made in India Chip: भारत ने सेमिकंडक्टर क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपना पहला पूरी तरह से स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर "विक्रम" पेश किया. सेमिकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोसेसर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया. इस अवसर पर चार स्वीकृत प्रोजेक्ट्स के टेस्ट चिप्स भी प्रदर्शित किए गए.

स्पेस मिशन के लिए बना विक्रम प्रोसेसर

ISRO के सेमिकंडक्टर लैबोरेटरी द्वारा तैयार किया गया यह प्रोसेसर अंतरिक्ष यान और लॉन्च व्हीकल की कठोर परिस्थितियों में मददगार साबित होगी. केंद्रीय मंत्री वैष्णव के अनुसार, यह उपलब्धि भारत की उस दिशा में बड़ी सफलता है, जहां देश अब विदेशी चिप्स पर निर्भरता कम कर रहा है और तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है.

तेजी से आगे बढ़ रहा है भारत का चिप इकोसिस्टम

वैष्णव ने आगे बताया कि फिलहाल देश में पांच सेमिकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण कार्य चल रहा है जिनमें से एक का पायलट लाइन पूरा हो चुका है. आने वाले महीनों में दो और यूनिट्स उत्पादन शुरू करेंगी. इसके अलावा पांच नई यूनिट्स की डिजाइन प्रक्रिया भी प्रगति पर है.

उन्होंने कहा कि चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए सभी वैश्विक साझेदार भारत में मौजूद हैं.

प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि का नतीजा

वैष्णव ने कहा कि इस मिशन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि को जाता है. सिर्फ 3.5 साल पहले हमने भारत सेमिकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी. आज दुनिया भारत की ओर भरोसे के साथ देख रही है. पांच यूनिट्स पर तेजी से काम चल रहा है और आज पहला ‘मेड-इन-इंडिया’ चिप पीएम मोदी को सौंपा गया है.

वैश्विक अस्थिरता में भारत बना भरोसेमंद केंद्र

वैष्णव ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब पूरी दुनिया नीति अस्थिरता और अनिश्चितता से जूझ रही है, उस समय भारत एक स्थिरता और विकास का प्रकाशस्तंभ बना हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि बीते दशक में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना और निर्यात आठ गुना बढ़ा है. बढ़ती घरेलू मांग और स्थिर नीतियों के कारण भारत निवेश के लिए सबसे उपयुक्त जगह है.

वैश्विक सेमिकंडक्टर हब बनने की ओर भारत

विक्रम प्रोसेसर भारत की सेमिकंडक्टर महत्वाकांक्षा की बस शुरुआत है. Bastion Research की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के करीब 20% चिप डिजाइन इंजीनियर भारत में हैं. यही कारण है कि भारत पहले से ही ग्लोबल चिप डिजाइन का अहम हिस्सा है. क्वालकॉम, इंटेल, एनविडिया, ब्रॉडकॉम और मीडियाटेक जैसी दिग्गज कंपनियों ने बेंगलुरु, हैदराबाद और नोएडा में अपने बड़े R&D और डिजाइन सेंटर स्थापित किए हैं जिससे भारत की भूमिका वैश्विक चिप इकोसिस्टम में और मजबूत हुई है.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

भारत सरकार ने 2021 में Semicon India Programme की शुरुआत की थी जिसके तहत लगभग 76,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए दी जा रही है. विक्रम प्रोसेसर का लॉन्च और नए सेमिकंडक्टर प्रोजेक्ट्स यह दर्शाते हैं कि भारत न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि आने वाले समय में वैश्विक चिप निर्माण और डिजाइन का केंद्र बनने की दिशा में भी अग्रसर है.

यह भी पढ़ें:

इससे सस्ता iPhone कहीं नहीं मिलेगा, इतने हजार का डिस्काउंट, ऑफर डिटेल्स जानकर तुरंत खरीदें