Reliance Jio Space Fiber: रिलायंस जियो देश के दूरदराज के इलाकों को कनेक्टर करने के लिए जियो स्पेस फाइवर की नई टेक्नोलॉजी लेकर आ रहा है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से गांव और दुगर्म इलाकों में भी नेटवर्क की कोई दिक्कत नहीं होगी और आपके इंटरनेट की स्पीड भी तेज हो जाएगी. 


‘Jio Space Fiber ’ सैटेलाइट बेस्ड गीगा फाइबर टेक्नोलॉजी (Satelite Based Giga Fiber Technology) लेकर आ रहा है. यह उन दुर्गम इलाकों को कनेक्ट करेगा, जहां फाइबर केबल से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना मुश्किल है. यह सर्विस पूरे देश में कीफायती कीमत पर दी जाएगी. जियो ने इस टेक्नोलॉजी को 27 से 29 अक्टूबर तक दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रही इंडिया मोबाइल कांग्रेस (India Mobile Congress 2023) में पेश किया है. 


रिलायंस जियो के अध्यक्ष आकाश अंबानी (Akash Ambani) ने कहा कि जियो ने भारत में लाखों घरों और व्यवसायों को पहली बार ब्रॉडबैंड इंटरनेट का अनुभव कराया है. जियो स्पेस फाइबर (Jio Space Fiber) के साथ हम अभी तक अनकनेक्टिड लाखों लोगों को कवर कर चुके हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य या फिर अन्य चीजों के लिए जियो स्पेस फाइबर यूज किया जा सकता है. यह हर जगह पर उपलब्ध होगा. 


गौरतलब है कि भारत के चार सबसे दूरस्थ स्थान जियो स्पेस फाइबर से जुड़ चुके हैं. इनमें गुजरात का गिर नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ का कोरबा, उड़ीसा का नबरंगपुर और असम का ओएनजीसी-जोरहाट शामिल है. जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर के बाद रिलायंस जियो के कनेक्टिविटी पोर्टफोलियो की यह तीसरी बड़ी टेक्नोलॉजी है. 


‘जियो स्पेस फाइबर’ से दूरदराज के इलाकों में ब्राडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए एसईएस कंपनी उपग्रहों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका मतलब है कि ‘जियो स्पेस फाइबर’ से अब कहीं भी और कभी भी मल्टी-गीगाबिट कनेक्टिविटी मिलेगी. दुर्गम इलाकों में इंटरनेट सर्विस देने के लिए ‘जियो स्पेस फाइबर’ इनोवेटिव एवं एडवांस NGSO तकनीक का यूज करेगा. 


टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘जियो स्पेस फाइबर’ ग्रामीण भारत की शक्ल बदलने की ताकत रखता है. किफायती, विश्वसनीय और हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ने पर सुदूर इलाकों में शिक्षा और स्वस्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद है. 


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