वक्त के साथ टेक्नोलॉजी में बदलाव हुआ और चीजें आसान होती चली गई. पहले लोगों की जानकारी/डेटा को इकट्ठा करने के लिए उसे पेपर पर लिखना पड़ता था लेकिन आज कंप्यूट पर करोड़ों लोगों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. पेपर जहां एक ओर कुछ समय बाद खराब होने लगता है तो वही दूसरी ओर कंप्यूटर पर लिखा हुआ डाटा हजारों साल तक सेफ रहता है. पहले अगर किसी व्यक्ति को कोई जानकारी या लोगों का डेटा किसी दूसरे विभाग या व्यक्ति को देना होता था तो उन्हें ये काम कॉपी या पन्नो में लिखकर करना पड़ता था.

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लेकिन आज डेटा को पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड या डिजिटल स्पेस के जरिए इधर-उधर भेजा जाता है. आप सभी पेन ड्राइव का इस्तेमाल जरूर करते होंगे. दोस्तों से मूवी लेनी हो, स्कूल में कोई प्रेजेंटेशन देना हो या बिजनेस मीटिंग हो, पेन ड्राइव में आप अपना कीमती डाटा स्टोर कर ये काम आसानी से कर सकते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ये बात गौर की कि जब आप बाजार से मेमोरी कार्ड या पेन ड्राइव खरीदते हैं तो इसमें बाहर से जो स्टोरेज हमें बताई जाती है वह एक्चुअल में अंदर नहीं होती. कहने का मतलब यदि कोई पेन ड्राइव 16GB की है तो हमें उसके अंदर स्टोरेज 14.5 या 14 जीबी के आसपास मिलता है. आज जानिए कि आखिर ऐसा क्यों होता है.

पेन ड्राइव में स्टोरेज कम क्यों मिलती है या किसी भी कार्ड में बताई गई स्टोरेज से कम स्पेस हमें क्यों मिलता है इसे जानने से पहले आपको ये समझना होगा कि जीबी या 1GB क्या है. दरअसल, 1024 बाइट मिलकर 1 केबी बनाते हैं और 1024 केबी मिलकर 1MB और 1024mb मिलकर 1GB बनाते हैं. 

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अब समझिए कि आखिर 4,8 या 16 जीबी की पेन ड्राइव में पूरी 16GB की स्टोरेज क्यों नहीं दी जाती. अगर हम 8GB के पेनड्राइव की बात करें तो इसमें 8*1024*1024*1024= 8589934592 बाइट होता हैं.  इतने बड़े अंक को समझना लोगों के लिए मुश्किल होता है इसलिए कंपनियां इतने बड़े अंक के बजाय 8 के बाद के सभी अंको को शून्य मानकर चलती हैं. इससे लोगों को भी आसानी होती है और वे  इसे जल्दी समझ पाते हैं. हालांकि अगर गणितीय रूप से गुणा किया जाए तो यह आंकड़ा सही नहीं है. लेकिन लोगों की समझ के लिए कंपनी 8 के आगे के अंको को शून्य मान लेती है.

ये है वजह 

पेन ड्राइव में पूरी स्टोरेज न मिलने के पीछे का कारण गणितीय गुणांक है. पेन ड्राइव बनाने वाली कंपनियां बाइट्स को जोड़ने के लिए लास्ट के अंकों को शून्य मानकर चलती हैं और इसकी वजह से बहुत सारे KB हट जाते हैं और फिर स्टोरेज में कमी आ जाती है. ऐसा करने से लोगों को समझाने में कंपनियों को आसानी होती है.  यही वजह है कि जब भी आप कितनी भी जीबी की पेनड्राइव खरीदते हैं तो उसमें स्टोरेज कम मिलती है.

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