लगातार बढ़ती डेडलाइन के बीच आखिरकार अमेरिका में टिकटॉक के बिकने का फैसला हो गया है. चाइनीज कंपनी बाइटडांस के इस शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म को ऑरेकल के नेतृत्व वाली एक इन्वेस्टर ग्रुप खरीदेगा. यह सौदा 22 जनवरी को होने की उम्मीद है. टिकटॉक के बिकने के बाद इसके अधिकतर शेयर अमेरिकी इन्वेस्टर्स के पास चले जाएंगे, जबकि बाइटडांस की हिस्सेदारी घटकर करीब 20 प्रतिशत रह जाएगी.

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टिकटॉक को क्यों बेचना पड़ा?

अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए टिकटॉक पर बैन लगा दिया था. अमेरिका का कहना था कि टिकटॉक के जरिए चाइनीज कंपनी अमेरिकी नागरिकों को डेटा कलेक्ट कर रही है, जिसे चीन की सरकार यूज कर सकती है. इसके बाद टिकटॉक के संचालन के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने शर्त रखी थी कि अगर यह अमेरिकी कंपनी के हाथों बिक जाता है तो इस पर बैन होने का खतरा नहीं रहेगा.

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अब होने जा रहा है सौदा

टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने अमेरिका और ग्लोबल इन्वेस्टर के एक ग्रुप के साथ इसे बेचने के लिए बाइंडिंग एग्रीमेंट साइन कर लिया है. टिकटॉक के सीईओ Shou Zi Chew ने इसकी पुष्टि की है. इस डील के तहत टिकटॉक का 50 प्रतिशत मालिकाना हक ऑरेकल, सिल्वर लेक और आबूधाबी बेस्ड फर्म MGX के पास चला जाएगा. बाइटडांस के पास इसमें 19.9 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी, जबकि बाकी शेयर बाइटडांस के मौजूदा इन्वेस्टर्स के पास रहेंगे.

22 जनवरी को सौदा होने की उम्मीद

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 जनवरी को यह सौदा पूरा हो जाएगा. सौदा होने के बाद टिकटॉक का रिकमंडेशन एल्गोरिद्म ऑरेकल के पास चला जाएगा. टिकटॉक का कहना है कि अमेरिकी यूजर्स को इस ट्रांजेक्शन से किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और उनके लिए प्लेटफॉर्म स्मूदली चलता रहेगा. वहीं कर्मचारियों के लिए नियम थोड़े कड़े हो सकते हैं और उन्हें अगले साल से ऑफिस आकर काम करना पड़ सकता है. 

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