UPI पेमेंट करते समय अब आपको पिन नंबर डालने की जरूरत नहीं रहेगी. आप फेसआईडी या फिंगरप्रिंट से भी पेमेंट कर सकेंगे. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लॉन्च कर दिया है. इसे पिन की तुलना में एक तेज, सुरक्षित और यूजर-फ्रैंडली विकल्प माना जाता है. बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की पूरी प्रोसेस ऑन-डिवाइस होगी और अब यह पिन नंबर की जगह ले सकेगी. बता दें किUPI को 2016 में लॉन्च किया गया था और तब से पेमेंट के लिए पिन का ही यूज किया जा रहा है.

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ऐसे यूजर्स को होगी आसानी

UPI पेमेंट के लिए बायोमेट्रिक्स आने से सीनियर सिटीजन और नए ग्राहकों को आसानी होगी. NPCI ने कहा कि अभी तक UPI पिन क्रिएट करने के लिए डेबिट कार्ड डिटेल्स और आधार OTP वेरिफिकेशन की जरूरत होती थी. अब आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन के बाद इसे यूज करना आसान और तेज हो जाएगा. साथ ही उन लोगों को भी इससे सहूलियत होगी, जिनके पास डेबिट कार्ड नहीं है. यह सिस्टम फ्रॉड से बचने में भी मदद करेगा. बता दें कि पिछले काफी समय से पिन नंबर से जुड़े कई स्कैम सामने आ चुके हैं और RBI भी इस पर चिंता व्यक्त कर चुका है. 

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फिंगरप्रिंट या फेसआईडी से ATM से निकाल सकेंगे पैसे

यूजर चाहे तो फेसआईडी और फिंगरप्रिंट की मदद से UPI पिन सेट करने के लिए कर सकता है. इसके अलावा ATM से UPI के जरिए पैसे निकालते समय भी बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का यूज किया जा सकता है. इसके लिए यूजर्स को ऑप्ट-इन करना होगा. यानी यूजर अपनी मर्जी से पिन या फेसआईडी आदि यूज कर सकेगा. बता दें कि इस फीचर पर पिछले काफी समय से काम चल रहा था और NPCI ने इसे लेकर 2021 में एक हैकाथॉन भी आयोजित की थी.

UPI से होती है सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट

UPI देश में डिजिटल पेमेंट का सबसे पॉपुलर तरीका है. देश में होने वाली कुल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन्स में से 85 प्रतिशत अकेले UPI से होती है. इस मोबाइल पेमेंट प्लेटफॉर्म से हर महीने औसतन 25 लाख करोड़ रुपये की कीमत वाली 20 बिलियन से अधिक ट्रांजेक्शन्स होती हैं.

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