अमेरिका में एक किशोर की आत्महत्या के बाद OpenAI का ChatGPT चैटबॉट विवादों में घिर गया था. किशोर के माता-पिता ने मुकदमा कर आरोप लगाए कि उनके बेटे की आत्महत्या के लिए ChatGPT भी जिम्मेदार है. इसके बाद कंपनी ने कई सुरक्षा उपाय और पैरेंटल कंट्रोल लाने की बात कही थी. अब कंपनी ने पैरेंटल कंट्रोल लॉन्च कर दिए हैं. इनकी मदद से पैरेंट्स यह नजर रख सकेंगे कि उनके बच्चे ChatGPT पर क्या देख और पूछ रहे हैं. सबसे पहले इनकी शुरुआत वेब से होगी और धीरे-धीरे इन्हें मोबाइल पर भी लागू कर दिया जाएगा. 

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बच्चों के लिए ChatGPT को ऐसे सुरक्षित बना सकते हैं पैरेंट्स

OpenAI ने बताया है कि अब पैरेंट्स अपने टीनएजर्स बच्चों के साथ अपने अकाउंट लिंक कर सकते हैं. अकाउंट लिंक होने के बाद पैरेंट्स यह निर्धारित कर सकेंगे कि उनके बच्चे ChatGPT को कैसे यूज करेंगे. इसके अलावा अब सेंसेटिव कंटेट को भी कम किया गया है. इसका मतलब है कि लिंक्ड अकाउंट पर अब ग्राफिक मैटेरियल और वायरल चैलेंज पहले की तुलना में कम दिखेंगे. साथ ही पैरेंट्स यह भी सेलेक्ट कर पाएंगे कि चैटबॉट पर्सनलाइज्ड रिस्पॉन्स के लिए पुरानी कन्वर्सेशन को याद रखें या न रखें. 

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स्क्रीन टाइम पर लगा सकेंगे लिमिटेशन

नए फीचर में Quiet Hours को भी शामिल किया गया है. यह एक तरह से स्क्रीन टाइम लिमिटेशन है कि बच्चे कितनी देर के बाद ChatGPT यूज नहीं कर पाएंगे. अन्य फीचर्स की बात करें तो पैरेंट्स बच्चों के लिए वॉइस मोड और इमेज जनरेशन को भी बंद कर सकेंगे. 

कन्वर्सेशन नहीं देख पाएंगे पैरेंट्स

इन फीचर्स के बीच महत्वपूर्ण बात यह है कि पैरेंट्स चैटबॉट के साथ अपने बच्चों की बातचीत को नहीं पढ़ पाएंगे. केवल अपवाद के तौर पर अगर OpenAI के सिस्टम या रिव्यूवर को ऐसा लगता है कि कोई गंभीर खतरा है, केवल उसी स्थिति में पैरेंट्स को नोटिफाई किया जाएगा. इस नोटिफिकेशन में भी पूरी बातचीत न भेजकर केवल उतनी जानकारी भेजी जाएगी, जो टीन यूजर्स की सुरक्षा के लिए जरूरी है.

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