सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला अपने नाखून पर लगे किसी चिप से पेमेंट करती नजर आ रही है. वीडियो को देखकर लोग हैरान हैं और सवाल कर रहे हैं, क्या वाकई अब कार्ड या मोबाइल की जरूरत खत्म हो गई? क्या अब नाखून से भी भुगतान संभव है?
चलिए जानते हैं इस तकनीक के पीछे की सच्चाई...
नाखून में चिप! क्या ये सच में मुमकिन है?
जिस चिप को महिला ने अपने नाखून पर लगाया है वो दरअसल दिखने में एक छोटा सा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है. देखने में तो ये काफी हाईटेक लगता है, लेकिन क्या ये वाकई में काम करता है और अगर करता भी है तो कैसे?
असल में, कोई भी चिप तभी काम करती है जब वो मशीन या किसी डिवाइस से संपर्क में आए, यानी उसे स्कैन या पढ़ा जा सके. आजकल के स्मार्ट कार्ड और मोबाइल पेमेंट्स में NFC (Near-Field Communication) तकनीक का इस्तेमाल होता है. NFC एक ऐसी वायरलेस तकनीक है जो दो डिवाइसेज को पास लाकर डेटा शेयर करने की सुविधा देती है. जैसे हम कार्ड को मशीन पर टैप करते हैं, वैसे ही NFC डिवाइस भी संपर्क में आते ही डेटा ट्रांसफर करते हैं.
तो क्या नाखून पर चिप लगाकर भुगतान करना संभव है?
तकनीकी रूप से अगर उस चिप में NFC फीचर है और वो एक्टिव स्टेट में है, तो सीमित दायरे में पेमेंट संभव हो सकता है. लेकिन वायरल वीडियो में जो दिखाया जा रहा है, उसमें तकनीकी कम और दिखावा ज्यादा है.
वीडियो ध्यान से देखने पर पता चलता है कि चिप पर कोई ऐक्रेलिक कोटिंग की गई है. अब अगर उस पर कोटिंग है, तो वो आसानी से किसी स्कैनर या NFC रीडर के संपर्क में नहीं आ सकती. ऊपर से पेमेंट बारकोड स्कैनर से हो रहा है, जिससे यह साफ है कि असली लेन-देन नाखून वाली चिप से नहीं बल्कि किसी QR कोड या ऐप से हुआ है.
NFC का असली इस्तेमाल कहां होता है?
आजकल कई स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, डेबिट-क्रेडिट कार्ड और यहां तक कि फास्टैग जैसी सेवाओं में भी NFC तकनीक का इस्तेमाल होता है. जब दो NFC डिवाइस बहुत पास आते हैं, तभी डाटा का लेन-देन हो पाता है. इससे संपर्क रहित भुगतान (contactless payment) संभव हो जाता है.
सोशल मीडिया की हर चीज हकीकत नहीं होती
इस तरह के वीडियो लोगों को चौंकाने के लिए बनाए जाते हैं. असल में आज की तारीख में नाखून पर चिप लगाकर पेमेंट करना कोई आम बात नहीं है और न ही ये इतनी आसान तकनीक है. NFC चिप को एक्टिव रखने, डेटा सिक्योरिटी और सही स्कैनिंग के लिए कई तकनीकी शर्तें पूरी करनी पड़ती हैं. इसलिए अगली बार जब आप इस तरह का कोई वीडियो देखें तो थोड़ा रुकिए, सोचिए और तकनीक को समझिए. क्योंकि डिजिटल पेमेंट का जमाना जरूर आ गया है, लेकिन हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती.