स्मार्टफोन इंडस्ट्रीज में आजकल सबसे ज्यादा चर्चा AI की हो रही है. हर कंपनी अपने मोबाइल में ज्यादा से ज्यादा AI फीचर्स देना चाहती है. अगर बड़ी कंपनियों की बात करें तो गूगल, सैमसंग और ऐप्पल ने AI टूल्स के लिए अरबों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन अधिकतर यूजर्स इन फीचर्स को फर्क नहीं पड़ रहा है. कई यूजर्स इन फीचर्स को पसंद कर रहे हैं, लेकिन एक सर्वे से पता चला है कि करीब 70 फीसदी यूजर्स ऐसे हैं, जो इन फीचर्स को जरूरी नहीं मान रहे.

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सर्वे में यह बात निकलकर आई सामने

रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में एक सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या वो नया फोन खरीदते समय AI फीचर्स को ध्यान में रखते हैं? इसके जवाब में 70 प्रतिशत लोगों ने नकारात्मक जवाब दिया था. यह स्थिति तब है, जब गूगल पिक्सल 10, सैमसंग गैलेक्सी S26 और नई आईफोन सीरीज की लॉन्चिंग के समय कंपनियां AI पर पूरा जोर दे रही हैं. सर्वे के अलावा कई अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से भी यह बात निकलकर सामने आ रही है कि अब भी बड़ी संख्या में ऐसे ग्राहक हैं, जो AI फीचर्स को जरूरी नहीं मान रहे.

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किस बात को ध्यान में रख रहे ग्राहक?

अधिकतर ग्राहकों को कस्टम इमोजी जनरेट करने या किसी ईमेल को समराइज करना महत्वपूर्ण नहीं लग रहा है. उनका कहना है कि उन्हें इस बात से फर्क पड़ता है कि उनका फोन कितना फास्ट काम कर सकता है. इसका एक उदाहरण आईफोन 17 सीरीज से समझा जा सकता है. AI की रेस में ऐप्पल दूसरी कंपनियों जैसे गूगल और सैमसंग से काफी पीछे है, लेकिन उसके लेटेस्ट मॉडल्स की रिकॉर्ड डिमांड देखी जा रही है. ऐसे में देखा जाए तो यूजर्स की जरूरतों और कंपनियों की हाइप के बीच बड़ा अंतर नजर आ रहा है.

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