अगर आप नए साल पर नया स्मार्टफोन या लैपटॉप आदि खरीदने का मन बना रहे हैं तो ज्यादा कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना होगा. दरअसल, पिछले कुछ समय से मेमोरी चिप के दाम बढ़ रहे हैं और इसका असर डायनामिक रैंडम एक्सेस मेमोरी (DRAM) यूज करने वाले प्रोडक्ट्स पर पड़ना शुरू हो गया है. डेल, आसुस, लेनोवो और एचपी जैसी कंपनियां इसे देखते हुए अपनी तैयारियों में जुट गई हैं. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.

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मेमोरी चिप की हो सकती है कमी

रिपोर्ट्स के अनुसार, कंप्यूटिंग स्पेस में काम कर रहीं डेल, एचपी और दूसरी कंपनियों का कहना है कि 2026 में मेमोरी चिप की कमी हो सकती है. इस कारण मेमोरी चिप यूज करने वाले प्रोडक्ट्स जैसे डेस्कटॉप, लैपटॉप और स्मार्टफोन आदि की कीमतें बढ़ना तय है. दरअसल, कुछ कंपनियां मेमोरी प्रोडक्ट कैटेगरी से बाहर निकल रही हैं, जिसके चलती यह कम आने की संभावना जाई जा रही है. माइक्रोन एक ऐसी ही कंपनी है, जिसने कहा है कि वह कंज्यूमर मेमोरी प्रोडक्ट्स बनाना छोड़कर केवल हाई-पावर्ड एआई चिप्स बनाएगी.

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एआई की बढ़ती डिमांड भी बड़ी वजह

कंज्यूमर मेमोरी चिप्स की कमी के पीछे एक बड़ी वजह एआई की बढ़ती डिमांड भी है. अब कंपनियां एआई एंटरप्राइज कंपनियों की डिमांड पूरी करने पर ज्यादा फोकस कर रही है, जिससे स्मार्टफोन और बाकी डिवाइसेस के लिए चिप्स की कमी हो गई है.

ग्राहकों पर पड़ेगा यह असर

मेमोरी चिप की कमी के कारण ग्राहकों पर असर पड़ना तय है और उन्हें प्रोडक्ट्स के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे. दरअसल, अभी कंपनियों को चिप खरीदने के ज्यादा खर्च करना पड़ेगा और वो इसका भार ग्राहकों पर पर ही डालेंगी. डेल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेफ क्लार्क का कहना है कि उन्होंने चिप की कीमतें इस गति से बढ़ते हुए कभी नहीं देखी. इस कारण सारे प्रोडक्ट्स महंगे होंगे. डेल का कहना है कि उसके प्रोडक्ट्स की कीमतें 15-20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.

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