रिलायंस जियो और एयरटेल आदि कंपनियों ने देश के कई हिस्सों में कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सर्विस शुरू कर दी है. यह फीचर अनजान नंबरों से कॉल करने वाले कॉलर का नाम भी दिखाता है, जिससे फोन उठाने से पहले ही कॉलर की पहचान आसान हो जाती है. अभी तक इस फीचर के लिए ट्रूकॉलर जैसी थर्ड-पार्टी ऐप्स पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के आदेशों के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने कॉलर नेम दिखाना शुरू कर दिया है. 

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स्क्रीन पर दिखेगा आईडी वाला नाम

कॉलर स्क्रीन पर दिखने वाला नाम वही होगा, जो यूजर ने मोबाइल नंबर खरीदते समय अपनी आईडी में बताया था. यह एक डिफॉल्ट फीचर होगा और अगर कोई यूजर इसे यूज नहीं करना चाहता तो उसे इसे डिएक्टिवेट करना होगा. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां इस सर्विस को लेकर पिछले साल मुंबई और हरियाणा में ट्रायल कर चुकी हैं. TRAI और दूरसंचार विभाग के इस कदम से फ्रॉड कॉल पर लगाम लगने की उम्मीद की जा रही है. अब यूजर को कॉल उठाने से पहले ही यह पता चल जाएगा कि उसका कोई जानकार व्यक्ति कॉल कर रहा है या कोई अनजान व्यक्ति उससे संपर्क करने की कोशिश में है. इस तरह लोग हैकर्स और स्कैमर्स के जाल में नहीं आएंगे और साइबर क्राइम से सुरक्षित रह पाएंगे.

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अभी इन जगहों पर शुरू हुई सर्विस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस जियो इस सर्विस को हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत कई राज्यों में शुरू कर चुकी है. इसी तरह एयरटेल ने जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल में इस सर्विस को शुरू किया है. वोडाफोन आइडिया इसे महाराष्ट्र और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में शुरू कर चुकी है. सरकारी कंपनी BSNL की बात करें तो यह अभी पश्चिम बंगाल में इसकी टेस्टिंग कर रही है.

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