DeepSeek Ban in Italy: इटली की डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने गुरुवार को चीनी AI एप्लिकेशन DeepSeek पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह कदम यूजर्स के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. साथ ही, इस चैटबॉट को विकसित करने वाली कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है.
DeepSeek पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया?
इटली की डेटा सुरक्षा एजेंसी Garante ने बताया कि उसने DeepSeek से यह जानकारी मांगी थी कि ऐप कौन-कौन सा निजी डेटा इकट्ठा करता है, वह कहां स्टोर किया जाता है, और यूजर्स को इसकी सूचना कैसे दी जाती है. लेकिन DeepSeek ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
इसके अलावा, कंपनियों ने दावा किया कि वे इटली में संचालित नहीं होती हैं और उन पर यूरोपीय डेटा सुरक्षा कानून लागू नहीं होते. हालांकि, कुछ ही दिनों में इस ऐप को दुनियाभर में लाखों लोगों ने डाउनलोड कर लिया था, जिससे इसके डेटा सुरक्षा मानकों पर संदेह बढ़ गया.
AI टेक्नोलॉजी में नई चुनौती
DeepSeek का नया AI चैटबॉट मार्केट में तेजी से लोकप्रिय हो रहा था और कम लागत में अमेरिकी जनरेटिव AI कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रहा था. इसके उभरने से AI टेक्नोलॉजी की प्रतिस्पर्धा और तेज हो गई है.
इटली द्वारा DeepSeek पर प्रतिबंध लगाना यह दिखाता है कि डेटा प्राइवेसी को लेकर सख्ती बढ़ रही है. AI टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के साथ, सरकारें अब यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि यूजर्स का डेटा सुरक्षित और पारदर्शी रूप से प्रबंधित किया जाए. आने वाले समय में अन्य यूरोपीय देश भी इस मामले पर कड़ा रुख अपना सकते हैं.
DeepSeek पर बढ़ती निगरानी
DeepSeek को हाल ही में एक साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिसके बाद इसने चीन के बाहर के यूजर्स के लिए एक्सेस सीमित कर दिया. इसके बावजूद, DeepSeek का AI असिस्टेंट काफी लोकप्रिय हुआ है, क्योंकि इसे अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहद कम लागत पर विकसित किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को डेटा लोकलाइजेशन के सख्त नियम लागू करने चाहिए ताकि यूजर डेटा और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा हो सके.
यह भी पढ़ें:
इस महीने भारत में आ रहा Apple Intelligence! CEO टिम कुक ने की पुष्टि, जानें पूरी जानकारी