Smartphone Tips: आज के दौर में स्मार्टफोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. कॉलिंग, चैटिंग, ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर बैंकिंग तक, हर काम फोन पर हो रहा है. लेकिन इसी के साथ एक सवाल भी बार-बार उठता है क्या हमारा फोन हमारी बातें सुनता है? कई लोगों ने अनुभव किया है कि किसी विषय पर बातचीत करने के कुछ ही समय बाद उससे जुड़े विज्ञापन फोन पर दिखने लगते हैं. इससे शक और गहराता है कि कहीं फोन हमारी निजी बातचीत पर नज़र तो नहीं रख रहा.
माइक्रोफोन एक्सेस से जुड़ा असली खेल
असल में ज्यादातर स्मार्टफोन ऐप्स माइक्रोफोन की अनुमति मांगते हैं. कई बार हम बिना ध्यान दिए इस परमिशन को “Allow” कर देते हैं. इसके बाद ऐप बैकग्राउंड में भी माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि कंपनियां दावा करती हैं कि ऐसा फीचर यूज़र एक्सपीरियंस बेहतर करने के लिए होता है लेकिन इससे प्राइवेसी पर खतरा बढ़ जाता है. गलत हाथों में यह जानकारी पहुंच जाए तो जासूसी और डेटा लीक का खतरा भी बन सकता है.
इस एक सेटिंग को ऑन करते ही मिलेगी राहत
अगर आप चाहते हैं कि आपका फोन आपकी बातें न सुने तो इसके लिए फोन की एक अहम सेटिंग को ऑन करना जरूरी है. एंड्रॉयड और आईफोन दोनों में “App Permission” या “Privacy” सेक्शन में जाकर माइक्रोफोन एक्सेस को कंट्रोल किया जा सकता है. यहां आप देख सकते हैं कि कौन-सा ऐप माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रहा है. जिन ऐप्स की जरूरत नहीं है, उनके लिए माइक्रोफोन परमिशन को तुरंत बंद कर दें. इससे फोन की अनावश्यक सुनवाई पर रोक लग जाती है.
केवल जरूरत वाले ऐप्स को ही दें अनुमति
हर ऐप को माइक्रोफोन एक्सेस देना समझदारी नहीं है. कॉलिंग, वॉयस रिकॉर्डिंग या वीडियो कॉल से जुड़े ऐप्स के अलावा बाकी ऐप्स को यह अनुमति देने से बचना चाहिए. कुछ फोन में Allow only while using the app का विकल्प भी मिलता है, जिसे ऑन करने से ऐप केवल इस्तेमाल के समय ही माइक्रोफोन एक्सेस कर पाता है. यह आपकी प्राइवेसी के लिए एक सुरक्षित कदम है.
प्राइवेसी अलर्ट और सिक्योरिटी फीचर्स का करें इस्तेमाल
आजकल नए स्मार्टफोन में प्राइवेसी इंडिकेटर मिलते हैं, जो बताते हैं कि कब माइक्रोफोन या कैमरा इस्तेमाल हो रहा है. इन अलर्ट्स पर ध्यान देना जरूरी है. साथ ही, समय-समय पर ऐप्स की परमिशन चेक करते रहें और अनजान ऐप्स को फोन से हटा दें.
जागरूकता ही है सबसे बड़ा बचाव
फोन पूरी तरह जासूसी कर रहा है या नहीं, इस पर बहस हो सकती है, लेकिन यह सच है कि थोड़ी सी लापरवाही आपकी प्राइवेसी को खतरे में डाल सकती है. सही सेटिंग्स ऑन करके और सावधानी बरतकर आप अपने डेटा और निजी बातचीत को सुरक्षित रख सकते हैं. आज ही अपने फोन की प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें और जासूसी के डर को हमेशा के लिए खत्म करें.
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