भारत सरकार ने लोन देने वाली ऐप्स पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 87 अवैध ऐप्स को बैन कर दिया है. इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) की तरफ से आदेश जारी हो गए हैं. मिनिस्ट्री ने आईटी एक्ट 2020 के सेक्शन 69A के तहत यह कार्रवाई की है. कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने लोकसभा को यह जानकारी दी है. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.

Continues below advertisement

यह होगा फायदा

सरकार की तरफ से की गई इस कार्रवाई के बाद भारत में इन ऐप्स के ऑपरेशन पर पूरी तरह लगाम लग जाएगी. साथ ही नए यूजर्स भी इन ऐप के झांसे में नहीं आएंगे. बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं, जिसमें लोन देने वाली ऐप्स डेटा को मिसयूज करने के साथ-साथ लोगों का उत्पीड़न भी कर रही थी. इन ऐप्स पर पर्सनल डेटा को चुराने और लोगों को ब्लैकमेल करने के भी आरोप लगे हैं.

Continues below advertisement

लोगों को सुरक्षित रखने की कोशिश- मंत्री

मंत्री ने बताया कि जब भी कानूनों का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई की जाती है. सरकार ने कंपनीज एक्ट और आईटी एक्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को डिजिटली सुरक्षित रखना चाहती है ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार का स्कैम न हो.

25 प्रतिशत तक ब्याज लेती हैं फर्जी लोन ऐप्स

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बार फर्जी ऐप्स से लोन लेने के बाद लोगों के लिए इनकी दुष्चक्र से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो जाता है. कई ऐप्स हर महीने 25 प्रतिशत तक का ब्याज लेती है. अगर कोई यूजर ब्याज देने से मना कर देता है तो उन्हें एडिटेड फोटो के साथ ब्लैकमेल किया जाता है और उसके परिवारजनों और दोस्तों को धमकियां तक देने के मामले सामने आए हैं. कई बार बैन होने के बाद यह ऐप्स नए सिरे से काम करना शुरू कर देती हैं.

ये भी पढ़ें-

Samsung Galaxy S25 Ultra पर 23,000 की छूट, यहां मिल रहा शानदार डिस्काउंट, जल्दी चेक करें डील