World's slimmest 160 micron Fibre: इंडियन मोबाइल कांग्रेस में पुणे की स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज ने 160 माइक्रोन वाले ऑप्टिकल फाइबर को शोकेज किया है. कंपनी ने दावा किया है कि ये दुनिया का सबसे पतला ऑप्टिकल फाइबर है जो कम्युनिकेशन में अहम भूमिका निभाएगा. इस कॉन्सेप्ट की प्लानिंग और डेवलपिंग महाराष्ट्र के एसटीएल के उत्कृष्टता केंद्र में की गई है और कंपनी इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने और पेटेंट कराने वाली विश्व स्तर पर की पहली कंपनी बन गई है. 

केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया अनावरण 

इंडियन मोबाइल कांग्रेस के 7वें एडिशन में केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑप्टिकल फाइबर का अनावरण किया. उन्होंने इस 160-माइक्रोन फाइबर के दो स्ट्रैंड को आपस में जोड़ा. ये दो बाल जितने पतले ऑप्टिकल फाइबर के कोर को पूरी तरह से जोड़ने की एक उच्च कैलिब्रेटेड प्रक्रिया होती है.

क्या है खसियत?

स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज के द्वारा डेवलप की गई 160 माइक्रोन फाइबर से बनी केबल पारंपरिक 250-माइक्रोन फाइबर की तुलना में 3 गुना अधिक क्षमता पैक कर सकती है. यानि पहले से ज्यादा केबल एक स्टैंड में आ सकती है. साथ ही एसटीएल ने कहा कि इस माइक्रोन फाइबर का डायमीटर 6.4 मिमी है जो ओल्ड 250-माइक्रोन फाइबर की तुलना में 32% कम है. इससे कम स्पेस में ज्यादा केबल पैक हो सकती है और 160-माइक्रोन फाइबर नेटवर्क की तैनाती, बैंडविड्थ क्षमता और हरित भागफल में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. 

टेलीकॉम मानकों पर खरी उतरती है केबल

ये फाइबर केबल टेलीकॉम-ग्रेड ऑप्टिकल प्रदर्शन और ITU G.657A2 मानक का अनुपालन करती है. कंपनी ने कहा कि ये घोषणा हमारे अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञों द्वारा नवाचारों की एक श्रृंखला के बाद आई है जिसमें 4X क्षमता और 180-माइक्रोन फाइबर वाला भारत का पहला मल्टीकोर फाइबर शामिल है. एसटीएल ग्रुप सीटीओ, डॉ. बद्री गोमातम ने कहा कि नया फाइबर भारत के ब्रॉडबैंड परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और देश के बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगा. 

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