हमारे माध्यम से आपने अब तक कई ऐसी खबरें पढ़ी होंगी जिसमें हमने बताया है की हैकर्स किस तरह कॉमन पासवर्ड को कुछ ही सेकंड्स में क्रैक कर लेते हैं. कई एजेंसियों की लिस्ट भी हमने शेयर की है जिसमें ग्लोबली यूज होने वाले कॉमन पासवर्ड के बारे में बताया गया है. आज हम आपको ये बताने वाले हैं कि अपने डिजिटल अकाउंट्स का पासवर्ड सेट करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आप लोगों की बात सुनकर,पासवर्ड ही तो है कुछ भी रख लो वाली स्टेटमेंट को फॉलो करते हैं तो आप हैकिंग का शिकार हो सकते हैं.  


जिसने बनाया ऐसा पासवर्ड हो रहेगा सेफ 


पासवर्ड की लेंथ: पासवर्ड को सुरक्षित बनाने का सबसे अच्छा तरीका है इसकी लंबाई बढ़ाएं. लम्बे पासवर्ड को क्रैक करना हैकर्स के लिए मुश्किल होता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक ‘मजबूत पासवर्ड कम से कम 12 कैरेक्टर्स का होना चाहिए. सचिन कैस्टेलिनो, चीफ स्ट्रैटेजी एण्ड ट्रांसफोर्मेशन ऑफिसर, इन-सोल्युशन्स ग्लोबल के अनुसार ‘मजबूत पासवर्ड कम से कम 12 कैरेक्टर्स का होना चाहिए, इसमें अपर केस, लोवर कैस लैटर्स, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर होने चाहिए।’ 


जैसे एक वीक और स्ट्रांग पासवर्ड में अंतर देखिए-  987456321/ @globalTech5018P


डेट ऑफ बर्थ या जगह का नाम जैसी निजी बातों को करें अवॉयड 


पासवर्ड बनाते समय अपनी निजी इनफार्मेशन जैसे कि डेट ऑफ बर्थ या जगह का नाम, एनीवर्सरी, बच्चों का नाम आदि न रखें. सोशल डोमेन में आपका जो डेटा भी है उससे जुड़ा पासवर्ड बिलकुल भी न रखें. हैकर्स की पहली नजर आपके डिजिटल डेटा पर ही होती है. सचिन कैस्टेलिनो कहते हैं ‘रैंडम कैरेक्टर्स का कॉम्बीनेशन लेकर पासवर्ड बनाएं, जो आपके व्यक्तिगत जीवन से ताल्लुक न रखता हो. साथ ही अपने पासवर्ड, मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग के पिन को कहीं पर लिख कर न रखें, इससे आपके अकाउंट की सुरक्षा में खतरा उत्पन्न हो जाता है. अगर किसी को वह कागज़ या फाइल मिल जाए तो वे आसानी से आपका अकाउन्ट एक्सेस कर सकते हैं. 


जितने अकाउंट उतने पासवर्ड वाली ट्रिक करें फॉलो 


कई अकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड रखना आम है, लेकिन ये इस डिजिटल युग में खतरनाक साबित हो सकता है. सभी अकाउंट के लिए अलग-अलग पासवर्ड बनाए ताकि अगर गलती से कभी आप हैकिंग का शिकार हो भी जाते हैं तो हैकर्स के पास आपकी इनफार्मेशन न जाए. 


हर 60 या 90 दिन में जरूर बदलें 


अपने पासवर्डस को हर 60 या 90 दिनों में जरूर बदलें ताकि इनके हैक होने की संभावना कम हो जाए. न सिर्फ पासवर्ड बल्कि अपने ऐप्स को भी रेगुलर्ली अपडेट करते रहें ताकि इनमें कोई खामी न आए. कैस्टेलिनो सुझाव देते हैं ‘हर तीन से छह महीने में अपने पासवर्ड को बदलने का रिमाइंडर सैट कर लें ताकि ये आपको याद रहे.


टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन 


टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन आपको पासवर्ड के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है. अपने सभी डिजिटल अकाउंट के लिए इस सर्विस को ऑन रखें ताकि सिक्योरिटी और मजबूत हो जाए. 


इस बात का भी रखें ध्यान 


सबसे मजबूत पासवर्ड पर भी फिशिंग अटैक हो सकता है. इसलिए अपने लॉगइन क्रेडेन्शियल्स एंटर करने से पहले हमेशा ईमेल और वेबसाइट की ऑथेन्टिसिटी को वैरिफाय कर लें. अगर आप इनसिक्योर वेबसाइट पर अपनी डिटेल्स डालते हैं तो आपके अकाउंट कॉम्प्रोमाइज हो सकते हैं. इसके अलावा अगर आप पासवर्ड सेफ रखने के लिए पासवर्ड मैनेजर ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं तो इन्हें भी पहले अच्छे से जांच लें. कहने का मतलब रीव्यू आदि सबकुछ देख लें.


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