पिछले कुछ समय से दुनियाभर में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं. इस कारण लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब साइबर अपराधी भी एआई टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों के लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं. अब एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि हैकर्स चैटजीपीटी और ग्रोक जैसे चैटबॉट से अपना काम करवा रहे हैं. इनकी मदद से वो लोगों के डिवाइसेस को टारगेट कर उनमें मालवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं. 

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एआई टूल्स से एडवांस तरीके निकाल रहे हैकर्स

एक रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स पहले किसी भी पॉपुलर सर्च टॉपिक पर एआई चैटबॉट के साथ बातचीत करते हैं. इसके बाद वो चैटबॉट से कंप्यूटर के टर्मिनल में एंटर करने के लिए कमांड पूछते हैं. इस कमांड की मदद से किसी दूसरे सिस्टम की एक्सेस ली जा सकती है. इसके बाद हैकर्स इस बातचीत को पब्लिक कर प्रमोट करते हैं, जिससे यह गूगल सर्च रिजल्ट में सबसे ऊपर दिखे. इसके बाद जैसे ही कोई यूजर वह टॉपिक सर्च करता है तो उसे हैकर्स का प्रमोटड लिंक सबसे ऊपर दिखता है. इस पर क्लिक करते ही यूजर के सिस्टम में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है. इस तरीके से मैकबुक में भी AMOS मालवेयर इंस्टॉल करने का मामला सामने आ चुका है.

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ऐसे अटैक्स से कैसे बचें?

साइबर क्राइम से आजकल कोई भी सेफ नहीं है और इंटरनेट पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. इस तरह के अटैक से बचने के लिए भी सतर्क रहना जरूरी है. ऐसे अटैक से बचने के लिए कभी भी ब्राउजर से किसी कमांड को कॉपी कर अपने कंप्यूटर के टर्मिनल में पेस्ट न करें. इसके अलावा हमेशा कमांड आदि की जानकारी के बारे में भरोसेमंद सोर्स को ही रेफर करें. प्रमोटेड लिंक से कुछ भी कॉपी पेस्ट करना भारी पड़ सकता है और आपके डिवाइस की एक्सेस गलत हाथों में पहुंचा सकता है.

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