Who is  Altina Tina Schinasi? गूगल सर्च हम सभी हर रोज न जाने कितनी बार करते हैं. आज इंटरनेट हमारी जरूरत बना गया है. कुछ भी हमे जानना हो तो हम फौरन गूगल की मदद लेते हैं. गूगल सर्च में अमूमन कंपनी का लोगो लाल, हरे, नीले आदि रंगो में लगा रहता है. हालांकि कई मौको पर कंपनी कुछ स्पेशल लोगो भी लगती है जिसे Google Doodle के नाम से जाना जाता है. डूडल कंपनी उन महान लोगों के लिए लगती है जिन्होंने समाज के लिए कुछ बेहतरीन काम किया हो और लोगों ने उन्हें इसके लिए सराहा हो. अगर आप आज कुछ गूगल सर्च करते हैं तो इसमें आपको एक चश्में के पीछे महिला की तस्वीर नजर आ रही होगी.


आज हम आपको इसी बारे में बतांएगे कि कौन है ये महिला और गूगल ने आज इन्हें क्यों खास तरह से विश किया है. दरअसल, डूडल में जिस महिला को आप देख रहे हैं उनका नाम अल्टीना शिनासी है. गूगल आज उनकी जयंती मना रहा है.


कौन है ये महिला 


दरअसल, अल्टीना शिनासी एक प्रसिद्ध अमेरिकी कलाकार, डिजाइनर और आविष्कारक रही हैं. उन्होंने हार्लेक्विन चश्मों के फ्रेम से चश्मों के बाजर में एक नई क्रांति को जन्म दिया और ये फ्रेम दुनियाभर में पॉपुलर हुआ. पॉपुलैरिटी के बाद इसे "कैट-आई" फ्रेम के नाम से पहचाने जाने लगा. आज ही के दिन यानि  4 अगस्त 1907 को मैनहट्टन, न्यूयॉर्क में अप्रवासी माता-पिता के घर जन्मी शिनासी की कलात्मक यात्रा पेरिस में शुरू हुई और फैशन और फिल्म की दुनिया में उनके रचनात्मक योगदान के साथ समाप्त हुई. उनका निधन 19 अगस्त 1999 को हुआ.


स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अल्टीना शिनासी ने पेरिस में पेंटिंग के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाया. उन्होंने न्यूयॉर्क में द आर्ट स्टूडेंट्स लीग में अपने कौशल को और निखारा. अल्टीना के जीवन में एक खास मोड़ तब आया जब वे फिफ्थ एवेन्यू पर कई दुकानों के लिए विंडो ड्रेसर के रूप में काम करती थी. इसी दौरान, उन्हें साल्वाडोर डाली और जॉर्ज ग्रॉज़ जैसे प्रसिद्ध कलाकारों के साथ कलोबोरेशन करने का मौका मिला जिसने उनकी कलात्मक दृष्टि को काफी प्रभावित किया और उन्होंने काफी कुछ सीखा.


ऐसे आया "कैट-आई" फ्रेम का आइडिया


अल्टीना शिनासी को "कैट-आई" चश्मों के फ्रेम का विचार विंडो डिस्प्ले डिजाइनर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान आया. उन्होंने देखा कि महिलाओं के लिए चश्में के फ्रेम के रूप में ज्यादा ऑप्शन नहीं हैं. यही से उन्होंने इस दिशा में काम करना शुरू किया. कैट-आई जैसे फ्रेम के लिए उन्होंने इटली के वेनिस में कार्नेवेल उत्सव के दौरान पहने जाने वाले हार्लेक्विन मास्क से प्रेरणा ली और पहला प्रोटोटाइप बनाया. हालांकि पहला प्रोटोटाइप कागज का था. शुरुआत में उन्हें खूब मुश्किलें आई लेकिन खोज के कुछ समय बाद उन्हें एक दुकानदार ने मौका दिया और उनका डिजाइन खूब पॉपुलर हो गया. उनके हार्लेक्विन चश्मे ने 1930 और 1940 के बीच खूब पॉपुलैरिटी हासिल की और ये महिला के लिए एक प्रतिष्ठित फैशन बन गया. आज भी बाजर में कैट-आई फ्रेम काफी पसंद किया जाता है. 


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