नई दिल्ली: मद्रास हाइकोर्ट ने आज टिकटॉक एप से बैन हटा दिया है. ये एक लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो एप था. इसका मतलब ये हुआ कि अब यूजर्स एक बार फिर प्ले स्टोर और एपल स्टोर से एप के उपलब्ध होने के बाद इसे डाउनलोड कर सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट को टिक टॉक पर प्रतिबंध के मामले में अंतरिम राहत याचिका पर 24 अप्रैल तक फैसला देने को कहा, जहां ये कहा गया था कि इसमें विफल होने पर मोबाइल एप पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा.

मद्रास हाईकोर्ट ने इसी महीने एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए मोबाइल एप को अनुचित और अश्लील कंटेंट वाला बताते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया. उच्च न्यायालय ने 17 अप्रैल को टिक टॉक के स्वामित्व वाली चीनी कंपनी बाइटडांस द्वारा दायर याचिका पर प्रतिबंध पर रोक लगाने से मना कर दिया.

वीडियो कंपनी को हो रहा था नुकसान

वीडियो एप टिकटॉक पर भारत में पाबंदी लगने के बाद उसकी कंपनी को हर दिन 5 लाख डॉलर (करीब 3.5 करोड़ रुपये) का नुकसान हो रहा है. टिक टॉक ऐप की डेवलपर चीन की कंपनी बाइटडांस (Bytedanc) टेक्नॉलजी है. न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, पेइचिंग स्थित इस कंपनी ने कहा कि भारत में रोक लगने के कारण हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए वह 250 कर्मचारियों की छंटनी पर विचार कर रही है. बाइटडांस ने चीन की एक अदालत को यह जानकारी दी.

भारत में एप के हैं 3 करोड़ यूजर्स

टिक टॉक में वीडियो बनाने के लिए स्पेशल इफेक्ट्स की सुविधा दी गई है. ऐनालिटिक्स फर्म सेंसर टावर के मुताबिक, भारत में करीब 3 करोड़ यूजर्स ने टिक टॉक ऐप डाउनलोड किया है जबकि दुनियाभर में इसके 1 अरब यूजर्स हैं.

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया था और मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को मुकर्रर की गई थी. बता दें कि कोर्ट के फैसले के बाद गूगल और एप्पल दोनों ने ही अपने प्ले स्टोर और एप स्टोर से टिक टॉक को हटा दिया है. यानी फिलहाल कोई नया यूजर्स इस एप को डाउनलोड नहीं कर सकता है. हालांकि जिन यूजर्स ने इसे पहले से डाउनलोड किया है, वह इसका इस्तेमाल कर सकेंगे.