नई दिल्ली: गूगल हर ओर और हर जगह है. और हमारे लिए ये असंभव है जब हम अपना कोई दिन बिना गूगल के गुजार सके. इस लिस्ट में सर्च करना, मैप की मदद लेना या यूट्यूब पर वीडियो देखना शामिल है. इन सबसे एक बात तो साफ होती है कि चाहे आप गूगल का कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल कर लें गगूल के पास आपके हर चीज का डेटा मौजूद है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो गूगल आपके बारे में सबुकछ जानता है. तो चलिए नजर डालते हैं कि गूगल कैसे आपके डेटा को इक्ट्ठा करता है.
इन दो तरीकों से गूगल करता है आपका डेटा कलेक्ट
एक्टिव कलेक्शन- जब एक यूजर लगातार गूगल के प्रोडक्ट के साथ बातचीत करता है और अपनी निजी जानकारी उससे शेयर करता है. जैसे फोन नंबर, एड्रेस, इमेल या दूसरी चीजें.
पैसिव कलेक्शन- ये वो तरीका है जहां गूगल बिना आपकी जानकारी के आपका डेटा कलेक्ट करता है. इसमें वो एप्स शामिल है जो आपके फोन के बैकग्राउंड में लगातार चल रहे होते हैं. तो गूगल का विज्ञापन टूल और ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड भी इस लिस्ट में शामिल है.
इन दो तरीकों की मदद से गूगल आपके बारे में पता करता है. जैसे आप क्या करते हैं, किस चीज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, क्या चीज आपको पसंद है और दूसरी चीजें. गूगल ऑनलाइन और असल जिंदगी में हम पर नजर रखता है. गूगल की इस पहुंच के साथ कई करोड़ो यूजर्स गूगल के एक न एक प्रोडक्ट का इस्तेमाल जरूर करते हैं. गूगल न आपके अनुभव को पढ़ता या इक्ट्ठा करता है बल्कि इसी के बल पर वो विज्ञापन से भी पैसे कमाता है. यानी की आपके डेटा की मदद से गूगल को ढेर सारे पैसे मिलते हैं.
बता दें कि गूगल का 80 प्रतिशत आय सिर्फ इन विज्ञापनों से ही आता है. पिछले क्वार्टर में कंपनी ने 32.6 बिलियन डॉलर सिर्फ विज्ञापन से ही कमाए थे तो वहीं 6.6 बिलियन डॉलर दूसरी चीजों से.
एक दिन में गूगल आपके बारे में क्या क्या जान लेता है
1. जब आप मेट्रो या बस में ऑफिस जाते हैं तो अक्सर आप गाना या न्यूज देखते हैं.
2. मेट्रो रुट- गूगल जीपीएस कॉर्डिनेट्स और आपके IP एड्रेस की मदद से आपके लोकेशन को ट्रैक करता है वहीं ये आसपास के सेल टॉवर और वाईफाई एक्सेस प्वाइंट की मदद से भी आपको ट्रैक करता है.
3. न्यूज की मदद से- आपकी सर्च हिस्ट्री को गूगल रिकॉर्ड करता है और इसकी मदद से आपको वो चीजें दिखाता है जिसमें आपको दिलचस्पी होती है वहीं कुछ इसी तरह के विज्ञापन से भी वो आपको जोड़कर रखता है.
4. गूगल म्यूजिक- सर्च की तरह म्यूजिक एप भी इस बात का पता लगाता है कि आपको किस तरह के गानें पसंद है और फिर उससे भी आपका डेटा कलेक्ट करता है.
जब आप खाना खाने या किसी अपॉइंटमेंट के लिए जाते हैं
जब आप लंच के लिए जाते हैं- गूगल लोकेशन डेटा की मदद से आपका चलना, दौड़ना और गाड़ी का मूव होना सब ट्रैक करता है.
गूगल पे की मदद से जब आप पेमेंट करते हैं- गूगल पे में आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड एड होता है इससे आपकी सारी जानकारी गगूल के पास आ जाती है. जितनी बार आप कोई नया प्रोडक्ट या फिर शॉपिंग करते हैं गूगल को आपके बारे उतना ही बेहतर पता चलता है.
डॉक्टर का अपॉइंटमेंट
गूगल आपके इमेल को स्कैन करता है. वहीं मेल पर अगर आपका किसी के साथ अपॉइंटमेंट है तो गूगल को इस बात की भी जानकारी मिलती है. वहीं कौन से मेल आपके पास आते हैं या आप क्या भेजते हैं ये सबुकछ गूगल ट्रैक कर आपकी जानकारी निकालता है.
YouTube- वीडियो प्लेटफॉर्म पर आप क्या सर्च करते हैं क्या देखते हैं. ये भी गूगल ट्रैक करता है. वहीं नॉन गूगल वेबसाइट पर आप कौन से वीडियो देख रहे हैं इसके बारे में भी गूगल के पास जानकारी है.
क्यों हम गूगल से बच नहीं सकते
गूगल के सर्च के मामले में 1 बिलियन मासिक यूजर्स हैं वहीं यूट्यूब पर इसके 1.8 बिलियन मासिक एक्टिव यूजर्स है. मैप्स पर गूगल के 1 बिलियन मासिक एक्टिव यूजर्स है जबकि एंड्रॉयड iOS पर ये आंकड़ा काफी बड़ा है जो 2 बिलियन एक्टिव यूजर्स का है. जीमेल की अगर बात करें तो 1.2 बिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स इस प्लेटफॉर्म पर भी हैं. जबकि क्रोम पर 2 बिलिनय एक्टिव यूजर्स हैं. बता दें कि एंड्रॉयड और क्रोम ऐसे अहम प्लेटफॉर्म है जहां आपका डेटा गूगल के ड्राइव में सबसे ज्यादा जाता है.
गूगल कितना डेटा इक्ट्ठा करता है
एंड्रॉयड टू गूगल- 11.6 MB डेटा प्रतिदिन
iOS टू गूगल- 5.7 MB डेटा प्रतिदिन
iOS टू एपल- 1.4