नई दिल्ली: फेसबुक क्रैंब्रिज एनालिटिका विवाद के बाद लगातार कोई न कोई नए मामलों में फंसता आ रहा है जहां उसे जमकर फजीहत झेलनी पड़ रही है. इसी को देखते हुए अब रोजाना फेसबुक अपने सिक्योरिटी नियम में बदलाव कर रहा है. और लोगों को भी सुरक्षा को लेकर ये जागरूक कर रहा है कि कैसे वो अपने अकाउंट की रक्षा कर सकते हैं. लेकिन अब साल 2019 लोकसभा चुनाव करीब आ चुके हैं और इसे को देखते हुए कंपनी ने एक महत्तवपूर्ण कदम उठाया है.

दरअसल फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले पॉलिटिकल ऐड (राजनीतिक विज्ञापनों) के तरीकों में बदलाव की घोषणा की है. बदलावों के मुताबिक, फेसबुक यूजर्स अब राजनीतिक विज्ञापनों को पब्लिश्ड बाय (विज्ञापन किसने पब्लिश किया है) या पेड फॉर बाय (किसने इसका भुगतान किया है) डिस्क्लेमर के साथ देख सकेंगे. इसके अलावा, फेसबुक एक Ad लाइब्रेरी पर भी काम कर रहा है, जिसमें यूजर्स पॉलिटिक्स से जुड़े विज्ञापनों के बारे में ज्यादा कुछ जान सकेंगे.

वहीं फेसबुक ने अपने लोकेशन पर भी काफी काम किया है जिससे ये पता चल पाएगा कि जिस विज्ञापन को चलाया जा रहा है वो किस देश से हैं और कहां से उस पेज को मॉनिटर किया जा रहा है. इन फीचर्स को कंपनी 21 फरवरी तक लॉन्च कर देगी.

बता दें कि भारत में कई पार्टियां और लोग ऐसे हैं जो कई सारे पेज को मैनेज करते हैं लेकिन फेसबुक के अब नए नियम के बाद लोगों को अपना कंट्री लोकेशन भी कंफर्म करना होगा तो वहीं टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन से भी अकाउंट को सिक्योर करना होगा.