नई दिल्ली: अब बैंक अकाउंट और मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं है. दरअसल केंद्र सरकार ने मोबाइल नंबर तथा बैंक खातों को जैविक पहचान वाले आधार कार्ड से स्वैच्छिक रूप से जोड़ने को कानूनी रूप प्रदान करने के लिए इससे संबंधित दो कानूनों में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने के प्रस्तावों को सोमवार को मंजूरी दी.

इस साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर अपने ऐतिहासिक फैसले में प्राइवेट कंपनियों द्वारा ऑनलाइन आधार ऑथेंटिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था. कोर्ट के फैसले के बाद दूरसंचार और फिनटेक कंपनियों ने सरकार से आधार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से छूट की गुहार लगाई थी. सूत्रों के मुताबिक, दोनों मौजूदा कानूनों में प्रस्तावित संशोधन हो जाने के बाद कोई व्यक्ति नए मोबाइल फोन कनेक्शन लेने और बैंक अकाउंट खोलने के लिए 12 अंक वाली पहचान संख्या को अपनी मर्जी से साझा कर सकेगा.

बता दें कि आधार एक्ट में भी संशोधन को मंजूरी मिली है. इसके तहत डेटा चोरी पर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना और हैकिंग पर 10 साल तक जेल का प्रावधान होगा. आधार नंबर सार्वजनिक होने की शिकायतों पर डिजिटल ऑथेंटिकेशन प्लेटफार्म बनेगा. आधार के क्यूआर कोड से वेरिफिकेशन होगा. नंबर बताने की जरूरत नहीं होगी. बच्चों के आधार कार्ड बनाने में मां-बाप की अनुमति जरूरी होगी. बालिग होने पर वह अपना फैसला लेगा. राष्ट्रहित में सरकार आधार का डेटा शेयर कर सकेगी.