Putting the brakes on cybercrime: DOT यानि दूरसंचार विभाग ने 11.4 मिलियन से अधिक एक्टिव मोबाइल फोन कनेक्शनों की जांच की है. इसमें से 60 लाख नंबर फर्जी पाए गए हैं जिसमें से DOT ने 5 मिलियन पर एक्शन ले लिया है जबकि अन्य पर काम जारी है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार साइबर क्राइम को जड़ से खत्म और इसके जाल को कम करने के लिए क्रिमिनल्स के सोर्स को ही खत्म करना चाहती है और इसके लिए DOT, बैंक्स, होम मिनिस्ट्री और RBI मिलकर एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं. रिपोर्ट के बताया गया कि करीब 7 लाख से ज्यादा ऐसे फर्जी नंबर ब्लॉक किए गए हैं जो किसी न किसी तरह के क्राइम में इन्वॉल्व थे और ये नंबर बैंक्स, Phonepe, Paytm आदि से लिंक्ड थे.


चोरी हुए मोबाइल फोन पर काम तेज 


रिपोर्ट में बताया गया कि खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाने के लिए दूरसंचार विभाग की पहल के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं और हर राज्य की पुलिस इसमें विभाग का सहयोग कर रही है. बता दें, कुछ समय पहले दूरसंचार विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन पर एफआईआर दर्ज करने और इन्हें खोजने के काम में तेजी लाने के लिए कहा था. दरअसल, साइबर क्रिमिनल्स इस तरह के नंबर्स का मिसयूज कर रहे हैं. इसलिए विभागों से खोए या चोरी हुए फोन पर काम तेज करने के लिए कहा गया है.


सरकार ने लॉन्च किया CEIR पोर्टल 


सरकार ने इस साल 16 मई को सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल लॉन्च किया था. इस पोर्टल पर आम नागरिक भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है. पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अब तक विभाग 725,000 मोबाइलों को ब्लॉक करने में सफल रहा है और 295,000 डिवाइसों का पता लगाया गया है. ET की रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ राज्य जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को वापस पाने में जबरदस्त काम कर रहे हैं.


सीईआईआर पोर्टल की मदद से आप अपने खोए या चोरी हुए नंबर या फोन को ब्लॉक और अन-ब्लॉक दोनों करवा सकते हैं. सरकार की ओर से साइबर क्राइम को खत्म करने के लिए ये एक सराहनीय कदम उठाया गया है.


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