भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर सुरक्षा एजेंसी, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने iPhone, iPad और Apple Watch सहित अन्य Apple प्रोडक्ट्स में मौजूद एक कमजोरी के बारे में एप्पल यूजर्स को उच्च-गंभीर चेतावनी जारी की है. यदि आप इस चेतावनी को इग्नोर करते हैं तो हैकर्स आपके डेटा तक पहुंच बना सकते हैं. CERT-In ने अपने लेटेस्ट एडवाइजरी में चेतावनी दी कि Apple प्रोडक्ट्स में कई कमजोरियाँ पाई गई हैं जो हमलावरों को कई प्रकार की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियाँ करने की अनुमति दे सकती हैं जिसमें बिना ऑथराइजेशनके संवेदनशील जानकारी तक पहुँचना, मनमाना कोड एग्जीक्यूट करना, सिक्योरिटी प्रतिबंधों को दरकिनार करना, सर्विस अटैक, ऑथराइजेशन को बाईपास करना और टारगेटेड डिवाइस को स्पूफिंग के जरिए ख़राब करना आदि शामिल है.
इन डिवाइसेस में पाई गई कमजोरी
Apple iOS वर्जन 17.1 और iPadoS वर्जन 17.1 से पहलेApple iOS वर्जन 16.7.2 और iPados वर्जन 16.7.2 से पहलेApple iOS वर्जन 15.8 और iPados वर्जन 15.8 से पहले14.1 से पहले के Apple macOS सोनोमा वर्जन13.6.1 से पहले के Apple macOS वेंचुरा वर्जन12.7.1 से पहले के Apple macOS मोंटेरे वर्जन17.1 से पहले के Apple TVOS वर्जन10.1 से पहले के Apple watchOS वर्जन17.1 से पहले के Apple Safari वर्जन
सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
ऐसे लोग जो अपने डेटा को सुरक्षित रखना चाहते हैं उन्हें CERT-In ने अपने iOS, macOS, tvOS, watchOS और Safari को लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करने के लिए कहा है. अगर आप डिवाइस को अपडेट नहीं करते हैं तो हैकर्स आपके डेटा तक पहुंच सकते हैं. एप्पल ने इस विषय पर एक्शन लेते हुए सभी के लिए अपडेट जारी कर दिया है. आप सेटिंग में जाकर अपने डिवाइस को लेटेस्ट OS पर अपडेट कर सकते हैं.
10 महीने में 28 खामियां की गई दर्ज
साइबर सुरक्षा एजेंसी, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने एप्पल डिवाइसेस में पिछले 10 महीनों के भीतर 28 कमजोरियों को डिटेक्ट और फ्लैग किया है. लेटेस्ट वार्निंग एजेंसी ने 27 अक्टूबर यानि पिछले महीने यूजर्स के लिए जारी की थी. फिलहाल एप्प्पल भारत में स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैक के लिए विवादों में है. दरअसल, बीते दिनों में विपक्ष के कुछ नेताओं को एक मैसेज आया था जिसमें ये बात कही गई थी स्टेट स्पॉन्सर्ड लोग आपके डेटा को हैक करने की कोशिश कर रहे हैं. इस मामले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद मोदी सरकार ने इस मामले में कार्रवाई के आदेश दिये हैं.
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