त्योहार का सीजन आने वाला है. दुर्गा पूजा, धनतेरस और दिवाली पर लोग जमकर शॉपिंग करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. खरीददारी करने के लिए लोग शॉपिंग साइट्स की ऐप डाउनलोड कर रहे हैं. लेकिन किसी भी शॉपिंग ऐप को डाउनलोड करने से पहले आपको सचेत होने की जरूरत है. क्योंकि आजकल साइबर अपराधी लोगों के बढ़ते ऑनलाइन शॉपिंग इंट्रेस्ट का फायदा उठा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में ऑनलाइन ठगी के मामले काफी बढ़ गए हैं. साइबर क्राइम में शामिल लोग जनता को तरह-तरह से चूना लगा रहे हैं. अब उनके निशाने पर बड़ी बड़ी नामी ई-कॉमर्स कंपनियां भी है. ऐसे अपराधी इन ऐप्स या वेबसाइट का क्लोन बना कर लोगों को चूना लगा रहे हैं.  ये वेबसाइट आपको ऑरीजनल वेबसाइट के जैसी ही लगेंगी. यहां आपको प्रोडक्ट्स पर भारी ऑफर और डिस्काउंट देकर फंसाया जाएगा. लेकिन जब आप इन वेबसाइट्स या एप्स पर पेमेंट कर देंगे उसके कुछ देर बाद ये लिंक गायब हो जाएगा. आज हम आपको ऐसी ठगी से बचाने के लिए कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जिससे आप किसी  भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकें.


कैसे चलता है पूरा नेटवर्क


दरअसल साइबर अपराधी प्लेस्टोर पर ऐसी फर्जी एप्स को लॉन्च कर देते हैं जो काफी आसान होता है. आपके प्ले स्टोर पर आपको ऐसे कई फर्जी एप्स मिल जाएंगे. इन एप्स को ब्रांडेड ई-कॉमर्स वेबसाइट्स या एप्स के फर्जी क्लोन के तौर पर बनाया जाता है. उसके बाद शातिर अपराधी अपनी फर्जी वेबसाइट्स पर आपको सामानों पर 60 से 80 फीसदी तक का डिस्काउंट ऑफर करते हैं. आपको जब सस्ती चीजें मिल रही होती हैं तो आप तुरंत ऑर्डर कर देते हो. बस इसी सस्ते के झांसे में लोग फंस जाते हैं. आप अपने पसंदीदा  सामान को कम कीमत में देखर तुरंत पेमेंट कर देते हैं. लेकिन आपके सामान की डिलिवरी कभी नहीं आती. जब आप उस लिंक को चेक करते हैं तो वो लिंक भी आपको डिलीट मिलता है.


ये अपराधी इतने शातिर होते हैं कि कई बार प्लेस्टोर की जगह जब गूगल में किसी सामान को ऑनलाइन चेक करते हैं तो ये लोग गूगल एडवर्ड्स के जरिए  अपनी फर्जी साइट्स को ट्रेंड करा देते हैं. ऐसे में आप जब सामान खरीदने के लिए उन साइट्स या ऐप्स पर क्लिक करते हैं तो आपको भारी डिस्काउंट दिया जाता है. याद रखें ये ऐप्स आपके ऑर्डर के बाद डिलीट कर दिए जाते हैं. पुलिस का कहना है कि लिंक डिलीट होने की वजह से ऐसे लोगों को ट्रैक करना काफी मुश्किल है.


कई कस्टमर्स को ऐसी फर्जी ऐप्स और साइट्स के बारे में तब पता चला जब डिलीवरी नहीं आने पर उन्होंने कंपनी के कस्मर केयर में फोन किया. सही ई-कॉमर्स कंपनी के स्टमर केयर की ओर से बताया गया कि ऐसी उनकी कोई ऐप नहीं है और न ही  कंपनी की ओर से ऐसा कोई ऑफर दिया जा रहा है.


ऑनलाइन फर्जी साइट्स से कैसे बचें


1- आप किसी कंपनी की वेबासइट के बारे में इटरनेट से पता लगा सकते हैं. ऑनलाइन ऐसी कई साइट्स हैं जो कंपनी के रजिस्ट्रेशन से लेकर कंपनी कितनी पुरानी है उसकी लीगलिटी क्या है ऐसी तमाम जानकारी आपको दे देंगी. कोई भी पेमेंट करने से पहले ई-कॉमर्स कंपनी के बारे में जांच लें.


2- किसी भी कंपनी के पेज पर नीचे जाकर कॉपीराइट वाला ऑप्शन जरूर देख लें. अगर कंपनी सही होगी तो यहां आपको वैट आई डी भी दिखाई देगी.


3- अगर वेबसाइट के आगे https नहीं लगा तो समझो ये फर्जी साइट है.


4- रजिस्टर्ड वेबसाइट के URL के सामने हमेशा लॉक लगा होता है इसे जरूर चेक कर लें.


5-वेबसाइट के होम पेज पर जाकर Contact पर क्लिक करें अगर यहां आपको एड्रेस जैसी जानकारी न मिले तो ऐसी साइट्स से शॉपिंग करने से बचें