दुनियाभर में करीब 100 करोड़ एक्टिव एंड्रॉयड स्मार्टफोन ऐसे हैं, जिन पर साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है. लेटेस्ट डेटा से पता चला है कि ये फोन आउटडेटेड सॉफ्टवेयर पर चल रहे हैं, जिससे इन्हें टारगेट करना आसान हो गया है. दरअसल, कुछ साल बाद गूगल पुराने एंड्रॉयड वर्जन के लिए सिक्योरिटी अपडेट रोल आउट करना बंद कर देती है और यूजर्स को सॉफ्टवेयर अपडेट करने की सलाह दी जाती है. इसके बावजूद दुनियाभर में आज भी लगभग 30 प्रतिशत एंड्रॉयड स्मार्टफोन पुराने सॉफ्टवेयर पर चल रहे हैं.

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लगभग एक अरब स्मार्टफोन पर खतरा

StatCounter के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, 30 प्रतिशत एंड्रॉयड यूजर्स एंड्रॉयड 13 या उससे पुराने सॉफ्टवेयर का यूज कर रहे हैं. यह संख्या करीब 100 करोड़ होती है. इसका मतलब है कि इन यूजर्स पर साइबर अटैक्स का खतरा मंडरा रहा है और हैकर्स इनके पासवर्ड और पर्सनल डेटा को चुरा सकते हैं. हालांकि, पुराने सॉफ्टवेयर को यूज करना गलत नहीं है, लेकिन ज्यादा पुराना होने पर इनमें सिक्योरिटी अपडेट नहीं आती. इस वजह से यूजर्स को लगातार अपने सॉफ्टवेयर अपडेट करने को कहा जाता है.

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साइबर अटैक के खतरों से कैसे बचें?

  • आज के डिजिटल वर्ल्ड में साइबर अटैक तेजी से बढ़ रहे हैं और इनसे बचना जरूरी है. इसलिए हमेशा फोन को अपडेटेड रखें.
  • अगर आपका फोन ज्यादा पुराना है और लेटेस्ट अपडेट को सपोर्ट नहीं कर रहा तो नया फोन खरीदने पर विचार करें.
  • नए फोन पर कंपनियां करीब 7 सालों तक सॉफ्टवेयर अपडेट का वादा कर रही है. ऐसे में नया फोन आपको कई सालों तक ऐसे खतरों से बचा सकता है.

फोन अपडेट रखने के हैं कई फायदे

  • अगर आप नियमित तौर पर फोन अपडेट करते हैं तो आपको साइबर हमलों से सुरक्षा मिलती है.
  • सॉफ्टवेयर अपडेट में कई नए फीचर्स भी आते हैं, जिससे फोन यूज करना आसान हो जाता है.
  • फोन को अपडेट रखने से इसकी स्पीड बढ़ती है और बैटरी की खपत भी कम होती है.

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