पिछले कुछ समय से स्मार्टफोन कंपनियां अपने मोबाइल्स में 16GB रैम देती आ रही हैं, लेकिन अब यह पुराने दिनों की बात होने वाली है. दरअसल, जल्द ही कंपनियां 16GB रैम वाले फोन लॉन्च करना बंद कर सकती हैं. इसकी वजह मेमोरी चिप्स का महंगा होना है. पिछले कुछ समय से मेमोरी चिप्स की शॉर्टेज बनी हुई है और इनके दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके चलते अब मोबाइल कंपनियां रैम कम करेंगी, ताकि फोन की कीमत को कम रखा जा सके.

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क्यों हो रही मेमोरी चिप की शॉर्टेज?

मेमोरी चिप्स की कमी होने के पीछे सबसे बड़ा हाथ एआई का है. दरअसल, सैमसंग, एसके हाइनिक्स और माइक्रोन जैसी चिप बनाने वाली कंपनियां अब एआई के हाई-बैंडविड्थ वाली चिप्स बना रही हैं, जिनका डेटा सेंटर में इस्तेमाल होता है. इस कारण कंज्यूमर मेमोरी चिप्स यानी स्मार्टफोन, टैब और लैपटॉप आदि में यूज होने वाली चिप्स का प्रोडक्शन कम हो गया है. माइक्रोन ने तो कंज्यूमर मेमोरी चिप्स बनाना ही बंद कर दिया है और अब वह सिर्फ एआई में यूज होने वाली चिप्स बना रही है. इस कारण इनकी कमी हो गई और दाम आसमान छूने लगे. 

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क्या 4GB रैम सेगमेंट की होगी वापसी?

रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि मेमोरी चिप्स की कमी और महंगी कीमत के कारण कंपनियां फिर से 4GB रैम सेगमेंट में लौटने पर मजबूर हो जाएगा. ऐसे में एंट्री-लेवल और मिड रेंज के अधिकतर स्मार्टफोन के बेस वेरिएंट में 4GB रैम ही देखने को मिल सकती है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि कंपनियां ज्यादा रैम वाले फोन लॉन्च नहीं करेगी, लेकिन यह ऑप्शन केवल प्रीमियम स्मार्टफोन में ही देखने को मिल सकता है. 

फोन से लेकर स्मार्टफोन तक होंगे महंगे

अगले कुछ दिनों में मेमोरी चिप यूज करने वाले प्रोडक्ट्स जैसे डेस्कटॉप, लैपटॉप और स्मार्टफोन आदि की कीमतें बढ़ना तय है. सैमसंग ने हाल ही में इसक संकेत दिया है कि वह भारत में अपने डिवाइसेस के दाम बढ़ा सकती है. इसी तरह लैपटॉप बनाने वाली कंपनी डेल का कहना है कि उसके प्रोडक्ट्स की कीमतें 15-20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.

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