लखनऊ, एबीपी गंगा। भारी हंगामे के बीच शुक्रवार को 'उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020' विधान परिषद में पारित कर दिया गया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे बहुमत का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि ये भाजपा सरकार के कमजोर होने का प्रतीक है.


बता दें कि यह बिल गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने के लिए है. इस विधेयक के पास होने पर समाजवादी पार्टी ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है. समाजवादी पार्टी के सदस्य इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपे जाने की मांग कर रहे थे.


समाजवादी पार्टी का आरोप है कि विपक्ष के बहुमत के विरोध बाद भी विधेयक को अल्पमत के पक्ष में पारित कर दिया गया है. इस पूरे मामले को लेकर समाजवादी दल समाजवादी पार्टी सभापति से मुलाक़ात करेगी. पार्टी इस बिल पर पुनर्विचार करने मांग करेगी. वहीं, इस पूरे मामले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर विरोध जताया है.





अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा, 'आज उप्र विधान परिषद में जिस प्रकार बहुमत का अपमान कर बिल पारित कराए गए, वो सत्ता पक्ष के नैतिक पतन और भाजपा सरकार के निरंतर कमजोर होते जाने का प्रतीक है. भाजपा सरकार के इस दौर में लोकधर्म की अवमानना चरम पर है.'


इसके अलावा भी सरकार की ओर से 17 अध्यादेश सदन में पेश किए.


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