प्रयागराज. उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज-2019 का परिणाम बुधवार को घोषित हुआ. पीसीएस की परीक्षा में मथुरा के विशाल सारस्वत ने बाजी मारी है. वहीं, प्रयागराज के युगातंर त्रिपाठी दूसरे नंबर पर रहे.


युगांतर को तीसरे प्रयास में मिली सफलता
प्रयागराज के नैनी के रहने वाले युगांतर त्रिपाठी 2017 से प्रसाशनिक सेवाओं की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.. उन्होंने अब तक UPPCS की 2017 से 2020 तक चार बार परीक्षा दी. दो बार उन्हें साक्षात्कार का मौका भी मिला, जिसके बाद कल आए 2019 के परीक्षा परिणाम में उन्होंने सफलता अर्जित करते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया.


प्रसाशनिक सेवा के लिए जूनियर इंजीनियर पद से दिया इस्तीफा
युगांतर ने प्रयागराज से ही ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की हैं. युगांतर 2011 में नैनी से यूनाइटेड इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक स्नातक हैं. स्नातक के बाद युगांतर का चयन राजस्थान के जयपुर डिस्कॉम में जूनियर इंजीनियर के पद पर हुआ, जहां से उन्होंने 2015 में इस्तीफा दे दिया और फिर आगे प्रसाशनिक परीक्षाओं की तैयारी करने लगे.


परिवार का रहा सहयोग
युगांतर के परिवार में माता-पिता के अलावा दो भाई हैं. पिता रवि प्रकाश त्रिपाठी रेलवे में स्टेशन अधीक्षक पद से दो वर्ष पहले सेवानिवृत्ति हुए हैं. वहीं, माता मधु त्रिपाठी गृहणी हैं. युगांतर के सबसे बड़े भाई अंशुमान त्रिपाठी बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. तो वहीं दूसरे नंबर के भाई देवब्रत त्रिपाठी मुम्बई में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक हैं. परिवार में सबसे छोटे युगांतर को परिवार से पूरा सहयोग मिला जिसके कारण आज उनको सफलता मिली हैं.


UPSC हैं युगांतर का टारगेट
युगांतर ने भले ही उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े परीक्षा में दूसरा स्थान अर्जित कर लिया हो, लेकिन उनका लक्ष्य और बड़ा है. युगांतर भारतीय प्रशासनिक सेवा (यूपीएससी) में सफलता अर्जित करना चाहते हैं. युगांतर बताते हैं कि जून में UPSC की परीक्षा होनी है और फिलहाल वो कड़ी मेहनत कर रहे है जिससे परीक्षा में सफलता मिल सके.



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