UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी पर लग रहे धार्मिक तुष्टिकरण के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री यदि गंगा स्नान कर, टीका लगाकर भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करते हैं तो वह 95 करोड़ से अधिक आबादी वाले हिंदू समाज की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हैं. पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस नीत सरकारों पर एक साथ निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा, ''तुष्टिकरण पहले होता था जब टोपी लगाकर, लुंगी पहनकर और गले में गमछा डालकर मुख्यमंत्री आवास पर रोजा इफ्तार होता था.''


बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ''देश में यह पहली बार है कि जब बहुसंख्यकों की भावनाओं की कद्र हो रही है. हिंदू समाज की आस्था का सम्मान हो रहा है.'' कानून मंत्री पाठक ने कहा, ''हिंदुस्तान में 95 करोड़ से अधिक हिंदू समाज की बात की जाए तो यह धार्मिक तुष्टिकरण है और आप टोपी लगाकर, लुंगी पहनकर, गले में गमछा डालकर मुख्यमंत्री आवास पर अगर रोजा इफ्तार करते हैं तो वह क्या है?''


बहुसंख्यकों की भावनाओं की कद्र हो रही है- पाठक
इसे असली तुष्टिकरण की राजनीति बताते हुए मंत्री ने कहा, ''क्या आपने पहले कभी किसी मुख्‍यमंत्री, किसी प्रधानमंत्री को गंगा का स्नान कर, टीका लगाकर भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करते देखा था. कभी आपने सोचा था?'' उन्होंने कहा, ''जैसे ही रमजान का महीना आता लोग टोपी लगाकर लुंगी पहनकर रोजा इफ्तार करते मुख्यमंत्री आवास पर देखे जा सकते थे, लेकिन यह पहली बार है जब बहुसंख्यकों की भावनाओं की कद्र हो रही है. हिंदू समाज की आस्था का सम्मान हो रहा है.'' कानून मंत्री से पूछा गया था कि क्या राज्य में अगले कुछ महीने में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी एक धर्म को मानने वालों को खुश कर रही है.


काशी विश्‍वनाथ धाम कॉरिडोर पर सपा और बीजेपी के बीच जारी वाक युद्ध के संबंध में मंत्री ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी जब बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में काशी विश्वनाथ गलियारे का लोकार्पण कर रहे थे, तब देश और दुनिया के लोग उनकी ओर आदर-भाव से देख रहे थे. सभी को लग रहा था कि रानी अहिल्या बाई के बाद एक ऐसा व्यक्ति आया है जिसने काशी को नया रूप दिया है.''


अखिलेश यादव को हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए- ब्रजेश पाठक
हाल ही में इटावा में सपा प्रमुख के एक विवादित बयान पर पाठक ने कहा, ''अखिलेश यादव ने केवल प्रधानमंत्री के प्रति गलत भाषा का उपयोग नहीं किया है बल्कि पूरे हिंदू समाज का अपमान किया है. उन्हें हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए. आने वाले समय में (2022 के विधानसभा चुनाव में) हिंदू समाज इसका जवाब देगा और उन्हें पता चलेगा कि हिंदुओं के प्रति नफरत का भाव रखने का क्या परिणाम होता है.''


गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण और वहां महीने भर तक कार्यक्रमों के आयोजन के संबंध में सपा अध्यक्ष ने इटावा में कहा था, ''बहुत अच्छी बात है. एक महीना नहीं, दो महीना, तीन महीना वहीं रहें. वह जगह रहने वाली है. आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है, बनारस में." हालांकि सपा प्रमुख ने बाद में कहा कि उनके जवाब का गलत मतलब निकाला गया और उनके कहने का आशय बीजेपी सरकार के आखिरी समय से था.


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