UP News: मौजूदा समय में भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में दिव्यांगजनों के सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत विकास के लिए समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं. इन योजनाओं का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता देना ही नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करना भी है. उत्तर प्रदेश सरकार की एक ऐसी ही महत्वपूर्ण पहल है- दिव्यांगजन शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, जो दिव्यांगजनों के विवाह को बढ़ावा देने और उन्हें सामाजिक स्वीकृति दिलाने के लिए चलाई जा रही है.

दरअसल, विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन का अहम पड़ाव होता है, लेकिन दिव्यांगजन के लिए यह रास्ता अक्सर मुश्किलों भरा होता है. सामाजिक पूर्वग्रह, आर्थिक असमानता और मानसिकता की जकड़न उनके वैवाहिक जीवन में बाधा बनती है. इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने इस योजना की शुरुआत की है. योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों को शादी करने के लिए प्रेरित करना, उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और एक स्थायी एवं समर्पित दांपत्य जीवन के लिए आर्थिक सहयोग देना है.

कैसे मिलेगा योजना का लाभइस योजना के अंतर्गत विवाहित जोड़े को उनकी दिव्यांगता की स्थिति के आधार पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. इसमें यदि पति दिव्यांग है तो 15,000 रुपये की राशि दी जाती है. यदि पत्नी दिव्यांग है तो 20,000 रुपये की सहायता राशि प्राप्त होगी. यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हैं तो उन्हें 35,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. यह राशि विवाह के पश्चात आवेदन करने पर एकमुश्त दी जाती है, जिससे नवविवाहित जोड़ा अपने नए जीवन की शुरुआत को थोड़ा आसान बना सके.

पात्रता की शर्तेंजिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी रोहित कुमार ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आवेदनकर्ता को कुछ विशेष पात्रता मानकों को पूरा करना होगा. इसमें अगर आयु सीमा की बात करें तो पुरुष की आयु 21 से 45 वर्ष होनी चाहिए. महिला की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वहीं आवेदनकर्ता आयकरदाता नहीं होना चाहिए. पति या पत्नी में से कोई भी आयकरदाता नहीं होना चाहिए. 

इसके अलावा दिव्यांगता प्रमाण पत्र और मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) द्वारा जारी किया गया न्यूनतम 40% दिव्यांगता वाला प्रमाणपत्र मान्य होगा. वहीं विवाह की तिथि, जिसमें आवेदन केवल गत अथवा वर्तमान वित्तीय वर्ष में हुए विवाह के लिए ही मान्य होगा. वहीं आवेदन करते समय संयुक्त नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो, विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र या संख्या, पति-पत्नी दोनों का आय-जाति एवं जन्मतिथि प्रमाण पत्र, दोनों का आधार कार्ड, अधिवास प्रमाण पत्र और बैंक में संयुक्त खाता (उसकी छायाप्रति) संलग्न करना अनिवार्य है.

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आवेदन प्रक्रियाइस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है. अभ्यर्थी http://divyangjan.upsdc.gov.in वेबसाइट पर जाकर स्वयं आवेदन कर सकते हैं या फिर जनसेवा केन्द्र/लोकवाणी केन्द्र से भी मदद ले सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद उसकी प्रिंट कॉपी निकालकर सभी संलग्न दस्तावेजों के साथ जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय, विकास भवन, कमरा नंबर 8 में किसी भी कार्यदिवस में जमा करना आवश्यक है.

रोहित कुमार ने यह भी बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी यदि योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो वे जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. कार्यालय में उपस्थित कर्मचारी आवेदनकर्ताओं को पूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न हो.