Lucknow News: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के नौजवानों के सामने 'पहचान का संकट' था और सूबे में माफिया तत्वों की 'समानांतर सरकार' चलती थी. योगी ने विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये प्रस्तुत बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा ''साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था. किसान बदहाल था, आत्महत्या कर रहा था और गरीब भुखमरी का शिकार था, महिलाएं सुरक्षित नहीं थीं. संगठित अपराध में लिप्त माफियाओं की समानांतर सरकार चलती थी. प्रदेश में हर तरह का माफिया हावी हो गया था.''
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने 16 देशों की यात्रा की. पहली बार यूपी की टीम इसके लिए विदेश गई. आज प्रदेश का कोई जिला ऐसा नहीं है जहां निवेश का कोई प्रस्ताव नहीं हो. यह इन्वेस्टर्स समिट की सबसे बड़ी सफलता है.
शकुनि को पालेंगे तो सत्यानाश होना ही है- योगीसीएम ने कहा कि साल 1947 से पहले जो पाकिस्तान भारत का हिस्सा था आज वहां रोटी के लाले पड़ रहे हैं लेकिन भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज वैश्विक नेतृत्व की क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है, पूरी दुनिया उसे लेकर अभिभूत है. हर भारतवासी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए और उत्तर प्रदेश अपनी भूमिका में भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कैसे योगदान कर सकता है, यह बजट उसी का प्रतिनिधित्व करता हुआ दिखाई देता है. उन्होंने कहा, ''कहीं संगठित अपराध को संचालित करने वाला माफिया था, कहीं भू-माफिया था, कहीं खनन माफिया, कहीं पशु माफिया तो कहीं वन माफिया थे, लेकिन पिछले छह सालों के अंदर जिस उत्तर प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था, आज उसी प्रदेश का नौजवान देश और दुनिया में सम्मान की निगाहों से देखा जाता है.''
आदित्यनाथ ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ''एक बड़े विद्वान ने कहा है कि समस्या का समाधान इस पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है. दुर्योधन का सलाहकार शकुनि था और अर्जुन के कृष्ण थे. परिणाम सबके सामने है. शकुनि को पालेंगे तो सत्यानाश होना ही है. यह दृश्य अगर विपक्ष समझ पाएगा तो उसे संभवत: कुछ सद्बुद्धि आ जाये.''