लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 के मरीजों को दी जाने वाली रेमडेसिविर और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए एक विशेष टीम गठित कर छापामार कार्रवाई करने के निर्देश दिए. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने टीम-11 की बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवाओं की आपूर्ति की विस्तृत समीक्षा की.


प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को सख्त निर्देश दिए इन जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर और रासुका जैसे एक्ट के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही उन्होंने पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में एक विशेष टीम गठित कर प्रदेश में छापा मार कार्रवाई के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनरक्षक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए इनकी लगातार निगरानी की जाए. रेमेडेसिविर उत्पादनकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क में रहें. इसके अलावा, सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए. यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन का वितरण पारदर्शी ढंग से हो. ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए और प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए.


पूर्ण लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं- योगी


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुखद है कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 14 हजार से भी अधिक मरीज कोविड संक्रमण से ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं. प्रदेशवासी धैर्य और संयम बनाये रखें. उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं हों अथवा जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता, किसी भी चीज का अभाव नहीं है. कोविड के लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं, चिकित्सकों के निर्देशों का पालन करें. योगी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है. हमें लोगों के जीवन और जीविका दोनों की ही चिंता है. परिस्थितियों का आकलन करते हुए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है.


सीएम ने निर्देश दिए कि अस्पतालों में खाली बेड्स के बारे में हर दिन जानकारी सार्वजनिक की जाए. इससे मरीजों के परिजनों को काफी सहूलियत होगी. इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भूमिका इस कार्य मे अत्यंत उपयोगी है. इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. योगी ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए सभी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन का ऑडिट कराया जाना चाहिए. ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई की जाए. अति गंभीर परिस्थिति को छोड़कर किसी भी इंडिविजुअल व्यक्ति को ऑक्सीजन की आपूर्ति न की जाए. केवल संस्थागत आपूर्ति ही होगी.


प्रवासी कामगारों और श्रमिकों की टेस्टिंग की जाए- सीएम


योगी ने यह भी निर्देश दिए कि दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी कामगारों और श्रमिकों की टेस्टिंग करते हुए उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारन्टीन और चिकित्सा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए. लक्षणविहीन लोगों को न्यूनतम एक सप्ताह और लक्षणयुक्त लोगों को दो सप्ताह के लिए अनिवार्य रूप से क्वारन्टीन किया जाए. इनकी व्यवस्थित निगरानी हो.


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