उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गुरूवार दो अक्टूबर को विजयदशमी के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलीला मैदान में प्रभु श्रीराम का विजय तिलक किया. इस दौरान उन्होंने देश और समाज विरोधी तत्वों पर निशाना साधते हुए कहा कि नाम और परिस्थितियों बदल गई होगी, लेकिन रामायण-महाभारत काल के पात्र दूसरे रूप में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि इनसे सतर्क रहने की जरूरत है. सुपर्णखा, ताड़का, खरदूषण और मारीच आज भी समाज को त्रस्त कर रहे हैं.

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विजयदशमी के पावन पर्व पर गोरखनाथ मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकली. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलेट प्रूफ रथ (वाहन) में सवार होकर निकले. गोरखनाथ मंदिर से बाहर निकलते ही भव्य शोभा यात्रा का स्वागत करने के लिए हिंदू-मुस्लिम सहित सर्व समाज के लोग उमड़ पड़े. सभी ने शोभायात्रा का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मानसरोवर मंदिर पहुंचे और वहां पर देव-विग्रहों की पूजा-अर्चना की. इसके बाद रामलीला मैदान पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभु श्रीराम का विजय तिलक किया. इसके बाद उन्होंने प्रभु श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की आरती उतारी और उन्हें माला पहनाया. 

समाज का एकजुट रहना जरुरी

इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज को त्रस्त करने वाले लोगों से हमें सतर्क रहना होगा. उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट करना पड़ेगा. ये जाति छुआछूत और अस्पृश्यता के आधार पर बांटने वाले लोग हैं. यह वही लोग हैं जो पूर्व जन्म में किसी ताड़का और सुपर्णखा और मारीच के सहयोगी रहे होंगे. उसे समय भी उन्होंने बांटने का काम किया था उसे समय भी सनातन धर्म के खिलाफ वे लगातार कार्य करते रहे.

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आज भी याद करना बेटी की सुरक्षा पर जो कोई दुर्योधन और दुशासन रहा होगा उनका शागिर्द जरूर रहा होगा. समाज को इन सब के प्रति सतर्क रहना होगा. सनातन धर्म संपूर्ण उपासना विधि नहीं है. वह मानव जीव व चराचार जगत की सुरक्षा की गारंटी भी है. इस चराचर जगत को सुरक्षित और संरक्षित करना है, तो अनंत काल तक इसकी व्यवस्था प्रकृति की अनुरूप चले, तो सनातन धर्म की व्यवस्था पर सबका विश्वास होना चाहिए.

पूर्व की सरकारों पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें सनातन धर्म को मजबूती देनी चाहिए. उन लोगों के बहकावे में आने की आवश्यकता नहीं है, जो समाज को बांटने और विभाजित करने का काम कर रहे हैं. समाज को विकृत करने का काम कर रहे हैं. समाज के दुश्मनों को गाहे-बगाहे प्रश्रय देने का काम कर रहे हैं. जब यह लोग सत्ता में थे, तो कहते थे कि राम हुए ही नहीं और कृष्ण हुए ही नहीं. भारत के आराध्य देवों के प्रति प्रश्न खड़ा करते थे. सनातन धर्म को विभाजित करने के लिए प्रश्न खड़ा करते थे. वह कार्य करते थे जिसमें भारत कमजोर हो. पिछले 11 वर्षों की यात्रा को हर भारतवासी देख रहा है.

आज भारत विकास की जिन नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है. विरासत और विकास का अद्भुत समन्वय रामराज्य की स्मृतियों को ताजा करने वाला समन्वय है. जिसमें भारत के गौरव को आगे बढ़ाने वाले विकास के कार्य भी हैं. हर तरह का कार्य. एक गरीब को सिर ढकने के लिए छत भी है. तो वहीं एयरपोर्ट-हाईवे जैसी आधुनिक सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया जा रहा है. पीएम मोदी के विकास के कार्य अद्भुत हैं. यह 11 वर्ष की यात्रा नए भारत का दर्शन कराती है. आज विजयादशमी के साथ गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती भी है.

भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह शताब्दी संकल्प क्या है? जब ये देश अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरा करेगा, तो 2047 में हमें कैसा भारत चाहिए? कैसा उत्तर प्रदेश और कैसा गोरखपुर चाहिए? क्या आप वही गोरखपुर पसंद करेंगे, जो मच्छर और माफिया गोरखपुर को त्रस्त करते थे? पहचान का संकट था या आज का गोरखपुर, जो आगे बढ़ता जा रहा है. ये गोरखपुर जहां मच्छर और माफिया का समाधान हुआ. इंसेफेलाइटिस का समाधान हुआ. क्या उस उत्तर प्रदेश को चाहेंगे, जो बीमार गुंडागर्दी और दंगाग्रस्त था? बेटी-व्यापारी और आम आदमी सुरक्षित नहीं था.

आज जो त्योहार हम उल्लास के साथ मना रहे हैं, वह 8 साल पहले एक सपना था. आज उत्तर प्रदेश बीमारू नहीं भारत का ग्रोथ इंजन बनाकर आगे बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है. भारत भी दुनिया का पिछलग्गू नहीं, दुनिया को अपने पीछे चलने के लिए मजबूर कर दिया है. इस वित्तीय वर्ष में भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. यह नए भारत का दर्शन कराता है.