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चारधाम यात्रा के अंतर्गत अब यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद किए जा रहे हैं. भाईदूज के पावन पर्व पर आज गुरुवार (23 अक्तूबर) को मां यमुना मंदिर के कपाट छह माह के लिए विधिविधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद किए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव के लिए रवाना होगी, जहां अगले छह महीनों तक श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर सकेंगे.

यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल,सचिव सुनील उनियाल और कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने बताया कि सुबह विशेष पूजन-अर्चना के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गया है. दोपहर 12:30 बजे शुभ मुहूर्त में मां यमुना मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इससे पहले सुबह करीब आठ बजे खरसाली गांव से मां यमुना के भाई शनिदेव महाराज की डोली पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ धाम के लिए रवाना हो चुकी है.

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खरसाली गांव के लिए रवाना होगी मां यमुना की उत्सव डोली 

धाम पहुंचने के बाद शनिदेव महाराज यमुना नदी में पवित्र स्नान करेंगे और अपनी बहन मां यमुना के साथ कपाट बंद होने की विशेष पूजा-अर्चना में शामिल होंगे. इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के बीच कपाट बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के पश्चात मां यमुना की उत्सव डोली अपने मायके खरसाली गांव के लिए रवाना होगी. वहां विशेष पूजा-अर्चना के बाद डोली को मंदिर परिसर में विराजमान किया जाएगा। आगामी छह महीनों तक यहीं श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगे.

गंगोत्री धाम में 7,58,249 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

उधर गंगोत्री धाम में बुधवार को मां गंगा मंदिर के कपाट अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में पूर्वाह्न 11:36 बजे वैदिक विधि-विधान के साथ बंद किए गए. अब मां गंगा की उत्सव डोली और भोगमूर्ति छह माह तक मुखबा गांव में विराजमान रहेंगी. इस वर्ष गंगोत्री धाम में 7,58,249 श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया.

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