Women Reservation Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने नई संसद में पहला विधेयक महिला आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पेश किया है. विपक्ष इसकी सराहना तो कर रहा है, लेकिन शर्तों के साथ. बता दें कि, विपक्ष नारी शक्ति वंदन विधेयक के मसौदे में दो-तीन शर्तों को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है. इसी क्रम में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रवक्ता असीम वकार ने भी महिला आरक्षण विधेयक पर प्रतिक्रिया दी है. 

महिला आरक्षण बिल को लेकर AIMIM प्रवक्ता असीम वकार ने कहा कि, 'प्रधानमंत्री जी से मेरी ये मांग है कि आप 31 प्रतिशत महिलाओं की बात कर रहें हैं. मेरा मानना है कि, बिल में सभी धर्मों और जातियों की महिलाओं को आरक्षण, उनकी आबादी के हिसाब से दिया जाए. नहीं तो पिछड़ी जाति, दलितों और आदिवासी महिलाओं के अधिकारों पर ऊंची जाति की महिलाएं कब्जा कर लेंगी.'

ओवैसी ने बिल के विरोध में कही ये बातवहीं महिला आरक्षण बिल पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, हम इसके खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि, 'इससे पहले भी जब ऐसा बिल पेश हुआ था, तब भी हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था. इस बिल में सबसे बड़ी खामी ये है कि इसमें OBC और मुसलमान महिलाओं के लिए कोटा नहीं रखा गया, इसलिए हम इसके खिलाफ हैं.'

I.N.D.I.A गठबंधन ने जताया विरोध

दिल्ली के सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी (AAP) ने तो सीधा-सीधा आरोप ही मढ़ दिया कि मोदी सरकार दरअसल महिलाओं को आरक्षण नहीं उन्हें धोखा देने के लिए यह बिल लाई है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी एक एक्स पोस्ट में बताया है कि किस तरह विधेयक की शर्तों के मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनावों में महिला आरक्षण की प्रावधान लागू नहीं हो पाएगा.

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