UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बीते 29 जनवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एलान किया था. इसमें अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद की जिम्मेदारी दी थी. हालांकि इसके बाद सपा ने तीन बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संसोधित लिस्ट जारी की. जिसमें परिवार के छह लोगों को तो जिम्मेदारी मिली, लेकिन एक व्यक्ति को कार्यकारिणी से बाहर रखा गया. 


दरअसल, सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जगह मिली है. जबकि उनके चाचा राम गोपाल यादव को पार्टी का राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाया गया है. इसके अलावा शिवपाल यादव को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. इसके अलावा परिवार के तीन और लोगों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई. अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव और अक्षय यादव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया था. 


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इन्हें नहीं मिली जगह
लेकिन चाचा शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली. सूत्रों के अनुसार शिवपाल सिंह यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. अगर वे लोकसभा चुनाव जीतते हैं तो फिर आदित्य यादव को जसवंतनगर से विधानसभा का चुनाव सपा के टिकट पर लड़ाया जा सका है. इसके अलावा पार्टी उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में भी जगह दे सकती है. अभी आदित्य यादव सपा के केवल सदस्य मात्र हैं, जबकि प्रसपा में इनके पास प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी थी. 


बता दें कि सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 67 सदस्य हैं. पिछली बार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केवल 55 सदस्य थे. इन 67 सदस्यों में 24 राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी लिस्ट में ओबीसी नेताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. इसमें कुल 34 नेता ओबीसी वर्ग नेताओं को जगह दी गई है. जबकि पांच ब्राह्मण नेताओं को भी कार्यकारिणी में जगह दी गई है.