उत्तराखंड में मौसम विभाग की चेतावनी सटीक साबित हुई है, क्योंकि भारी बारिश ने प्रदेश में तबाही मचा दी है. बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, और उत्तरकाशी में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. भारी बारिश के कारण ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे देवप्रयाग के पास तीन स्थानों—सिरोबागड़, भणेरपानी, और सोनप्रयाग—पर भूस्खलन से बंद हो गया है.
यमुनोत्री हाईवे पर पाली गड़ के पास भारी मलबा आने से सैकड़ों वाहन फंस गए हैं, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
24 घंटे का अलर्ट जारी किया
मौसम विज्ञान केंद्र के हाइड्रो मेट डिवीजन ने रविवार को अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, जो अब सच साबित हो रहा है. देवप्रयाग डिग्री कॉलेज और मूल्य गांव के बीच रातभर हुई तेज बारिश ने पहाड़ों से भारी मलबा और बड़े बोल्डर सड़कों पर ला दिए, जिससे हाईवे पूरी तरह ठप हो गया. दूध, सब्जी, और अखबार जैसी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी बाधित हो गई. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीमें JCB मशीनों के साथ सड़कें खोलने में जुटी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है.
चमोली और उत्तरकाशी में बढ़ा फिर खतरा
चमोली, रुद्रप्रयाग, और उत्तरकाशी जैसे जिलों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है. गंगोत्री हाईवे पर हर्षिल के पास हिमस्खलन का वीडियो भी सामने आया है, जिसने स्थिति की गंभीरता को उजागर किया. आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, और सेना, NDRF, SDRF, और ITBP राहत कार्यों में लगे हैं. चार हेलीकॉप्टर और एक वायुसेना का MI-17 स्टैंडबाय पर है.
इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन ने भी लोगों को सलाह दी है कि उफनाती नदियों उर बारिश के समय यात्रा करने बचें. सिर्फ सरकारी स्थानो और जानकारी का उपयोग करें. साथ ही कोई आपदा होने पर सीधे आपात नम्बर पर सूचित करें.