Wasim Rizvi News: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी की वसीयत चर्चा का विषय बनी हुई है. वसीयत में उन्होंने मरने के बाद अपना मृत शरीर कब्रिस्तान में दफनाने की जगह हिंदू रीति-रिवाज से श्मशान घाट पर जलाए जाने की इच्छा व्यक्त की है. उन्होंने अपनी वसीयत में डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती को मुखाग्नि देने का अधिकार दिया है. वसीम ने अपनी वसीयत को लेकर रविवार को एक वीडियो भी जारी किया है.


वीडियो में वसीम रिज़वी कह रहे हैं कि उन्होंने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. रिज़वी का दावा था कि उक्त आयतें इंसानियत के प्रति नफरत फैलाती हैं. उनके इस कदम से मुसलमान नाराज़ हैं और उन्हें जान से मार देना चाहते हैं. मुसलमानों ने ऐलान किया है कि उन्हें किसी कब्रिस्तान में कोई जगह नहीं देंगे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से वसीम की याचिका खारिज हो गई थी और 50 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगा था. तब से रिज़वी मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम समुदायों के निशाने पर हैं. मुस्लिम संगठन उनकी गिरफ्तारी की भी मांग करते रहे हैं. मुस्लिम संगठनों का यह भी कहना है कि वसीम का इस्लाम और शिया समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है. मुस्लिम संगठन वसीम को चरमपंथी और मुस्लिम विरोधी संगठनों का एजेंट बताते हैं. मौलाना कल्बे जव्वाद लखनऊ में रैली करके वसीम रिज़वी की गिरफ्तारी की मांग भी कर चुके हैं.


वसीम का कहना है कि उनका गुनाह है कि उन्होंने पैग़ंबर ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद पर एक किताब लिखी है इसीलिए कट्टरपंथी उन्हें मार देना चाहते हैं. देश और दुनिया में उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. कोई गर्दन काटने की धमकी देता है तो कोई उनकी मौत पर इनाम देने की बात कर रहा है. वसीम रिज़वी को मरने के बाद कब्रिस्तान में जगह न देने का भी एलान किया गया है.


मेरा हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए- वसीम रिज़वी


वसीम रिज़वी का कहना है कि मेरे मरने के बाद देश में शांति बनी रहे इसलिए मैंने वसीयतनामा लिख कर प्रशासन को भेज दिया है कि मेरा हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए. वसीयतनामा में उन्होंने लिखा है कि मेरा मृत शरीर मेरे हिंदू दोस्त जो लखनऊ में हैं, उनको दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए. चिता में अग्नि हमारे यति नरसिंहानंद सरस्वती जी देंगे. इस काम के लिए मैंने उनको अधिकृत किया है. जबसे वसीम रिजवी की किताब आई है, मुस्लिम समुदाय उनका खिलाफ विरोध कर रहा है.


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