Braj Holi: ब्रज के विश्व प्रसिद्ध रंगोत्सव की धूम चारों ओर नजर आ रही है. ब्रज की गलियों में रंग अबीर गुलाल उड़ रहा है. राधा कृष्ण के स्वरूप श्रद्धालु होली खेल रहे हैं और रंगोत्सव पर गुलाल उड़ा रहे हैं. जिससे ब्रज से रंगीन तस्वीरें सामने आ रही है. ब्रज में श्रद्धालु एक दूसरे पर जमकर रंग उड़ा रहे हैं.
ब्रज की होली की धूम इस कदर नजर आ रही है कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु ब्रजभूमि पर पहुंच रहे हैं. ब्रज क्षेत्र में जगह-जगह प्रसिद्ध और पारंपरिक होली का आयोजन किया जा रहा है. 10 मार्च सोमवार रंगभरी एकादशी के अवसर पर वृंदावन में पारंपरिक होली का आयोजन किया गया.
फूलों से सजे रथ पर भगवान के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़एकादशी से ब्रज में गीली होली शुरू हो जाती है, यानी के पानी के रंगों की होली शुरू होती है. रंगभरी एकादशी के अवसर पर वृंदावन के राधावल्लभ मंदिर से राधा कृष्ण का डोला निकाला जाता है. फूलों से सजे रथ पर सवार राधा कृष्ण के स्वरूप वृंदावन की गलियों में निकला तो श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ आई.
इस दौरान भगवान के स्वरूप भक्तों के साथ होली खेलते नजर आए. ब्रज की होली के रंग ही अलग नजर आते हैं और श्रद्धालु भी ब्रज के रंग में रंगे हुए हैं. सोमवार को रंगभरी एकादशी के अवसर पर सुबह से ही वृंदावन की 5 कोस की परिक्रमा लगाने के लिए श्रद्धालुओं पहुंचे. श्रद्धालु लड्डू गोपाल को हाथों में लिए वृदांवन की परिक्रमा कर रहे हैं.
12 लाख श्रद्धालु ब्रज में मौजूदरंगभरी एकादशी के अवसर पर ब्रज में गीले रंगों की होली खेली गई. माना जाता है कि गीले रंगों की होली वृदांवन से शुरू हो जाती है. वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी लाल से होली खेलने के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंचें. अनुमान जताया जा रहा है कि करीब 12 लाख से अधिक श्रद्धालु ब्रज में होली खेलने पहुंचे है.
वृदांवन बिहारी लाल से होली खेल रहे श्रद्धालु जमकर रंग उलाल उड़ा रहा है. वृदांवन की गलियों में रंग और गुलाल उड़ता हुआ नजर रहा है और भक्त ब्रज के रंग में रंगे हुए हैं. रंगभरी एकादशी के अवसर पर वृंदावन में पारंपरिक होली का आयोजन किया गया. जब राधा कृष्ण के स्वरूप फूलों से सजे धजे बग्गी पर सवार होकर वृंदावन की गलियों में निकले तो श्रद्धालु उमड़ आए.
देश दुनिया से होली खेलने ब्रज पहुंचे रहे श्रद्धालुइस दौरान भक्तों ने भगवान के साथ जमकर होली खेली. रथ पर सवार भगवान के स्वरूप गुलाल उड़ा रहे थे और यह दृश्य बेहद ही श्रद्धभरा था. एक ओर ब्रज की होली के रंग और दूसरी ओर भगवान के स्वरूप श्रद्धालुओं के बीच में जिसमें नजारा ही अलग था. होली के यह रंग केवल ब्रज में ही देखने को मिलते हैं और यही कारण है कि देश और दुनिया के श्रद्धालु सालभर ब्रज की होली का इंतजार करते हैं.
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