यूपी के मथुरा स्थित वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी कल्चर और मंदिर की मर्यादा के उल्लंघन का मामला सुर्खियों में है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के जगमोहन में, जहां विशेष अवसरों पर ठाकुर जी विराजमान होते हैं, वीआईपी लोगों के लिए कुर्सियां लगाकर उन्हें बैठाया गया.

इतना ही नहीं एक पुलिसकर्मी सरकारी हथियार (AK-47) के साथ गर्भगृह के बाहर खड़ा दिखाई दे रहा है, जबकि मंदिर में हथियार ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है. इस घटना ने भक्तों और हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश पैदा कर दिया है.

भक्तों में आक्रोश

यह वीडियो मंदिर बंद होने के समय का बताया जा रहा है, जिसमें एक वीआईपी द्वारा जगमोहन में कुर्सी पर बैठकर पूजा करने और पुलिसकर्मी द्वारा हथियार के साथ मौजूदगी को दर्शाया गया है. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. एक यूजर ने लिखा कि मंदिर में फोटोग्राफी और हथियार ले जाना मना है, फिर भी वीआईपी को विशेष सुविधा दी जा रही है. भक्तों का कहना है कि मंदिर की मर्यादा को तार-तार किया जा रहा है.

कोर्ट में याचिका, आज होगी सुनवाई

इस मामले को लेकर हिंदू महासभा के पदाधिकारी पंडित संजय हरियाणा और अधिवक्ता दीपक शर्मा ने सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में मांग की गई है कि 21 अगस्त को हुई इस घटना की जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो. याचिकाकर्ताओं ने मंदिर प्रबंधन, डीएम, और एसएसपी को पार्टी बनाते हुए मंदिर की मर्यादा बनाए रखने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की है. इस याचिका पर आज सुनवाई होनी है.

मंदिर की मर्यादा पर सवाल

बांके बिहारी मंदिर के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट नंदकिशोर उपमन्यु ने इस घटना की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि ठाकुर जी के दरबार में कोई वीआईपी या वीवीआईपी नहीं, सबसे बड़े वीआईपी तो स्वयं ठाकुर जी हैं. मंदिर की मर्यादा का पालन करना हम सबकी जिम्मेदारी है. उन्होंने अपने कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार तत्कालीन मुख्य सचिव के लिए मंदिर में टेंट और कुर्सियां लगाकर भोजन कराया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने 7.5 लाख का जुर्माना लगाया था.

हिंदूवादी नेताओं का गुस्सा

हिंदूवादी नेता दिनेश फलाहारी ने कहा कि मंदिर में हथियार और वीआईपी कल्चर ले जाना बेहद दुखद है. भगवान के सामने सभी समान हैं. अहंकार और हथियार के साथ भगवान की शरण में जाने से पूजा स्वीकार नहीं होती. भगवान भाव के भूखे हैं, हमें विनम्र होकर उनकी शरण में जाना चाहिए.

मंदिर के सरकारीकरण पर चिंताधर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गॉड ने मंदिर के सरकारीकरण को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अभी मंदिर का पूर्ण सरकारीकरण नहीं हुआ, फिर भी प्रशासनिक अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. यदि मंदिर का सरकारीकरण हो गया, तो प्रशासन पूरी तरह हावी हो जाएगा और सामान्य भक्तों को केवल धक्के खाने पड़ेंगे. उन्होंने मंदिर की आय में भ्रष्टाचार और दर्शनार्थियों के साथ मनमानी की आशंका जताई.