उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 11 से 14 अगस्त तक चलेगा. इसी को लेकर आज सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें विपक्ष ने सत्र की समय सीमा बढ़ाने की मांग की. तर्क दिया कि जनता से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए समय कम मिलेगा. बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सत्ता पक्ष से ओपी राजभर, संजय निषाद और अन्य नेता मौजूद रहे, जबकि विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और कांग्रेस नेत्री आराधना मिश्रा 'मोना' शामिल हुईं.

विपक्ष का कहना है कि चार दिन के सत्र में महत्वपूर्ण मुद्दे छूट जाएंगे, इसलिए सत्र को बढ़ाना जरूरी है. नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि बाढ़, स्कूल मर्जर, कानून व्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए. कांग्रेस नेत्री आराधना मिश्रा 'मोना' ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष विजन डॉक्यूमेंट जारी कर विपक्ष को उलझा रहा है और चर्चा से बचना चाहता है. विपक्ष ने सत्र को 14 अगस्त के बाद भी जारी रखने की मांग की, ताकि इन मुद्दों पर गहन चर्चा हो सके.

हंगामे के आसार

विपक्ष की ओर से साफ किया गया है कि वे सत्र के दौरान बाढ़, स्कूल मर्जर, कानून व्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे. साथ ही वे सत्ता पक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाएंगे, जिससे हंगामे के आसार हैं. विपक्ष का मानना है कि सत्ता पक्ष विजन डॉक्यूमेंट जैसे मुद्दों को लेकर समय बर्बाद करना चाहता है, जबकि जनता के मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी है.

ये मुद्ददे प्रमुख 

इस समय पूरा प्रदेश बाढ़ की चपेट में है इसके साथ ही प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर भी खबरें खूब आ रहीं हैं. जिस पर सत्ता पक्ष को घेरा जा सकता है. वहीं स्कूल मर्जर पर भी सरकार के सामने जवाब देने में मुश्किल है व शिक्षक भर्ती पर सरकार गंभीर दिखाई नहीं पड़ रही. फ़िलहाल अभी 14 अगस्त तक ही विधानसभा सत्र चलाने को सरकार राजी है.