गोंडा: यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिनों पहले फरमान जारी कर कहा था कि अभी तो माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई हो रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि, यूपी में अगर कोई रिश्वत लेते पकड़ा जाएगा तो उसकी संपत्ति की कुर्की भी की जाएगी. लेकिन मुख्यमंत्री के इस कड़े आदेश के बाद भी कुछ बेलगाम अधिकारी, कर्मचारी, लिपिक इनके आदेश को दरकिनार कर खुलेआम रिश्वतखोरी में शामिल हैं.


पहले भी सामने आ चुके हैं कई मामले


गोंडा का जिला अस्पताल लगातार अपने कारनामों के चलते सुर्खियों में रहता है. कभी यहां पर खून की कालाबाजारी का वीडियो वायरल होता है तो कभी इलाज के नाम पर सर्जन मरीजों से पैसे मांगते हैं. अब नया मामला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के सामने आया है, जहां सीएमओ कार्यालय में तैनात अशोक कुमार बाबू, लिपिक, राजकुमार, चपरासी ललित कुमार का रिश्वत लेते वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो में पैसा लेते साफ साफ नजर आ रहे हैं, जिसमें लिपिक कह रहा है कि चपरासी को पैसा लेने को. कुछ देर दोनों में बातें चलती है फिर उसके बाद चपरासी पैसा लेता है, दोनों लोग ऑफिस की ओर चले आते हैं. वार्ड बॉय के ट्रांसफर व पोस्टिंग के लिए 10-10 हजार रुपये घूस ली जा रही है.


सीएमओ ऑफिस में भ्रष्टाचार व्याप्त


सीएमओ कार्यालय में खुलेआम स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है. पहले भी ऐसे कई घूसखोरी के वीडियो वायरल हुए, लेकिन जांच के नाम पर कार्रवाई क्या हुई, यह कोई नहीं जानता. लेकिन अब ताजा मामला फिर से सामने आया है, जिसमें वार्ड बॉय के ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर तक दस हजार रुपये लिए जा रहे हैं. ट्रांसफर सूची में नाम डालने के लिए बाबू अशोक कुमार व चपरासी ललित आए दिन धन उगाही कर रहे हैं, तो सवाल इस बात का उठता है कि जब सीएमओ कार्यालय में यह काला कारनामा हो रहा है, तो क्या इसमें किसी बड़े अधिकारियों की संलिप्तता है या नहीं, यह तो जांच का विषय है. फिलहाल पूरे मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय गौतम ने कहा है कि वीडियो को देखने के बाद दो अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जांच सौंपी गई है. एक हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने कहा है कि वीडियो के आधार पर जांच कराई जा रही है.


अब सवाल इस बात का उठता है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इन पर कोई कार्रवाई होगी या जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा. क्या ये बेलगाम अधिकारी, कर्मचारी पहले की तरह लोगों से धन उगाही करते रहेंगे?


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