VHP on Etawah Kathavachak Case: उत्तर प्रदेश के इटावा में जाति के नाम पर कथावाचक के साथ हुई बदसलूकी और उस पर हो रही सियासत पर विश्व हिंदू परिषद ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. वीएचपी के प्रवक्ता अमितोष परीक ने समाजवादी पार्टी पर मामले को बेवजह तूल देने का आरोप लगाया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हिंदू समाज को जातियों में बांटकर सियासी रोटियां सेंकने का भी आरोप लगाया है.
वीएचपी प्रवक्ता अमितोष परीक ने कहा है कि इस घटना से हिंदू समाज को सीख लेने की जरूरत है. एक है तो सेफ हैं के फार्मूले पर अमल करते हुए एकजुट रहने की जरूरत है. हिंदू समाज को जाति के नाम पर बांटने की कोशिश लंबे अरसे से की जा रही है. जाति में बांटकर सत्ता हासिल करने का ख्वाब देखा जा रहा है. ऐसे में एकजुट रहने में ही सबकी भलाई है, उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव के PDA के नारे पर भी सवाल उठाए.
VHP प्रवक्ता अमितोष परीक का दावा है कि इटावा की घटना जाति के कारण नहीं हुई है. अखिलेश यादव के साथ ही ओबीसी और दलित जातियों के तमाम लोग कथावाचक हैं और लोगों के बीच कथा सुना कर धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं. यहां की घटना तथ्यों को छिपाने और गलतफहमी की वजह से हुई है. इसमें पुलिस ने कार्रवाई भी की है, चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. ऐसे में इस पर सियासी रोटियां सेका जाना पूरी तरह गलत है.
अमितोष परीक के मुताबिक जब धर्म के नाम पर हिंदुओं का उत्पीड़न किया जाता है. रामचरित मानस की कॉपियां जलाई जाती हैं, कुंभ को दलित विरोधी बताया जाता है, तब समाजवादी पार्टी चुप रहती है. समाजवादी पार्टी कभी राणा सांगा के नाम पर हिंदुओं को बांटने की कोशिश करती है तो कभी इटावा का मामला उछलकर जाति का कार्ड खेलती है. इस तरह की कोशिश देश और समाज दोनों के लिए नुकसानदायक है.