उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने वाराणसी में बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. एसटीएफ ने तीन तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से 10 पिस्टल, 15 मैगजीन, तीन मोबाइल फोन और नकदी बरामद की है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गाजीपुर और बिहार के रहने वाले लोग शामिल हैं.
गिरफ्तार तस्करों में गाजीपुर जिले का प्रशांत राय उर्फ जीतू, बिहार बक्सर का राहुल ठाकुर और गाजीपुर का ही मुकुंद प्रधान शामिल है. इन सभी को वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र स्थित फरीदपुर रिंग रोड अंडरपास के नीचे से गिरफ्तार किया गया.
यूपी एसटीएफ ने की बड़ी कार्रवाई
एसटीएफ को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि पूर्वांचल में अवैध हथियारों का नेटवर्क सक्रिय है. इसके बाद टीम ने खुफिया जानकारी जुटाई और जाल बिछाकर तस्करों को पकड़ लिया.
प्रशांत राय का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है. बताया जा रहा है कि वह दबंग किस्म का अपराधी है, जो पहले मारपीट और गुंडई करता था. इसी दौरान उसका संपर्क गाजीपुर के असलहा तस्कर सुभाष पासी से हुआ. इसके बाद उसने 32 बोर की पिस्टल खरीदी और धीरे-धीरे बड़े स्तर पर तस्करी शुरू कर दी.
बाद में उसका कनेक्शन मध्यप्रदेश के खंडवा निवासी कुख्यात हथियार तस्कर विष्णु सरदार से हो गया. विष्णु से वह 20-25 हजार रुपये में पिस्टल खरीदता और गाजीपुर, बिहार व आसपास के जिलों में 40-50 हजार रुपये में बेच देता था.
सूत्रों के अनुसार, प्रशांत राय अपने साथियों राहुल ठाकुर और मुकुंद प्रधान के जरिए हथियार मंगाता था और हर खेप पर इन्हें 4-5 हजार रुपये देता था. अब तक वह कई बार इस तरह की सप्लाई कर चुका है.
यूपी-बिहार के सीमावर्ती इलाकों में तस्करी
उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती जिलों में लंबे समय से अवैध हथियारों की तस्करी की खबरें आती रही हैं. बिहार के मुंगेर और मध्यप्रदेश का खंडवा लंबे समय से हथियार निर्माण और सप्लाई के लिए कुख्यात माने जाते हैं. वहीं यूपी में गाजीपुर, आजमगढ़, वाराणसी और प्रयागराज के कुछ इलाकों में ऐसे हथियारों की खपत ज्यादा बताई जाती है.
एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपियों के खिलाफ सारनाथ थाने में आर्म्स एक्ट और बीएनएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई पूर्वांचल में सक्रिय अवैध हथियार तस्करी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता है और आगे भी इस तरह के गिरोहों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.