वाराणसी में गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद आम जनजीवन प्रभावित है. चौथी बार गंगा के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी की वजह से घाटों पर पहुंचने वाले पर्यटकों के सफर पर भी प्रभाव पड़ता देखा जा रहा है. सभी घाटों का संपर्क टूट चुका है, वहीं लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए करीब 50 दिन से नौका संचालन पर भी रोक है. ऐसे में बनारस के चर्चित घाट पर पहुंचने वाले पर्यटक भी मायूस लौट रहे हैं.
एबीपी न्यूज़ की टीम वाराणसी के सबसे खूबसूरत और चर्चित नमो घाट पर पहुंची. यह घाट इस सीजन में तीसरी बार जलमग्न नजर आया. सूर्य नमस्कार को समर्पित यहां की खास आकृति गंगा में समाहित होती देखी गई. वहीं नमो घाट पर पहुंचने वाले पर्यटकों से भी एबीपी न्यूज ने बातचीत की. अहमदाबाद से आए वीरेंद्र ने कहा कि हमने 2 महीने पहले ही काशी आने का प्लान बनाया था, यह प्रथम अवसर है जब हम काशी आए हैं. सबसे ज्यादा उत्सुक हम यहां पर नौका विहार को लेकर थे लेकिन बाढ़ की वजह से नौका संचालन बंद है.
ज्यादातर घाट डूबे नजर आ रहे हैं- पर्यटक
पर्यटकों ने कहा कि निश्चित ही इससे हमारा सफर अधूरा रह गया. वहीं मौजूद एक अन्य पर्यटक ने भी कहा कि हम दिल्ली से बनारस घूमने आए हैं. खास तौर पर गंगा घाटों को देखने के लिए नौका विहार करना चाहते थे. लेकिन यहां पर नौका संचालन बंद है, ज्यादातर घाट डूबे नजर आ रहे हैं. वहीं घाटों का आपसी संपर्क टूटने की वजह से हम घाटों पर सैर भी नहीं कर पा रहे हैं.
70 मीटर के ऊपर गंगा का जलस्तर
वाराणसी में वर्तमान समय में गंगा का जलस्तर 70 मीटर के ऊपर बताया जा रहा है. चेतावनी बिंदु को गंगा का जलस्तर एक बार फिर पार कर चुका है. अगस्त के इस सीजन में एक के बाद एक बाढ़ के प्रभाव की वजह से घाटों का आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. ऐसे में अब तटवर्ती क्षेत्र के लोग बाढ़ से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.