दिल्ली में 10 नवम्बर को ब्लास्ट के बाद पूरे देश में हाई अलर्ट है. उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. इसी के तहत धर नगरी वाराणसी में भी सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है. जहां एक तरफ काशी के प्रमुख संवेदनशील जगहों पर कड़ी चेकिंग की जा रही है, वहीं वाराणसी के गंगा नदी के बीच धारा में बड़ा मॉक ड्रिल किया गया.
इस दौरान वाराणसी के गंगा नदी में मौजूद गंगोत्री क्रूज़ पर हेलीकॉप्टर की मदद से एनएसजी कमांडोज उतरे और उन्होंने इस पूरे अभियान के माध्यम से आतंकवादी घटना से बचाव संबंधित विषयों को ध्यान में रखते हुए एक अभ्यास किया. इस पूरे मॉक ड्रिल के दौरान एक-एक बातों का ध्यान रखा गया था, इसमें एनएसजी कमांडो के साथ-साथ एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस प्रशासन की भी मौजूदगी रही. इसमें सबसे खास बात की भारतीय जवानों की तरफ से जल थल और वायु तीनों क्षेत्रों में अपनी सुरक्षा व्यवस्था को परखा गया है.
वाराणसी है संवेदनशील शहर
यहां बता दें कि वाराणसी धर्म और अध्यात्म का केंद्र है, यहां देश-दुनिया से लोग पहुँचते हैं. काशी को मोक्ष नगरी भी कहा जाता है. बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं. इससे पहले यहां भी आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं. इस दृष्टि से वाराणसी को संवेदनशील शहर माना जाता है. दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही स्थानीय पुलिस प्रशासन लगातार अलर्ट है. काशी विश्वनाथ मंदिर और प्रमुख स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
नागरिकों से अपील
अधिकारियों ने बताया कि इस ड्राइव का मकसद सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखना था. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का रिस्पोंस चक किया गया जो बेहतर साबित हुआ.नागरिकों से अपील है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और कुछ भी संदिग्ध है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें. शहर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं किसी भी शरारती तत्व को बख्सा नहीं जाएगा.