Varanasi News: धर्म नगरी काशी हर दिन कोई न कोई त्योहार के रूप में मनाया जाता है और हर दिन का अपना का खास महत्व है. आज यानी 17 जनवरी के दिन धूमधाम से गणेश चतुर्थी का मनाया पर्व मनाया जाएगा. इस दिन वाराणसी के प्राचीन लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर पर ब्रह्म मुहूर्त से ही माताओं की लंबी कतार देखी जाती है. मान्यता है कि इस दिन माताएं निर्जला व्रत रहकर अपने पुत्र के दीर्घायु और समृद्ध जीवन के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद मांगती हैं. देर रात्रि चंद्रमा का दर्शन करके ही वह व्रत का पारण करती हैं.

17 जनवरी के दिन वाराणसी में धूमधाम से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा जाएगा. इस दिन माताएं अपने पुत्र और पुत्री के दीर्घायु जीवन के लिए भगवान गणेश की पूजा करती है. वह पूरे दिन निराजल रहते हुए रात्रि पहर भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करती हैं. इसके बाद चंद्रमा के दर्शन करने के पश्चात ही फलहार करके इस व्रत का पारण करती हैं. इसी दौरान वाराणसी के लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर पर भी बड़ी संख्या में माताएं दर्शन पूजन  करने के लिए उमड़ती है.

काशी में है गणेश चतुर्थी का विशेष महत्वकाशी के बारे में कहा जाता है कि सात बार नो त्यौहार. यानी यहां हर एक दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है. इसी क्रम में अंग्रेजी नव वर्ष के प्रथम महीने में यह सनातन संस्कृति का प्रमुख त्योहार माना जाता है. काशी के प्राचीन गणेश मंदिर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. साथ ही अपने संतान की दीर्घायु समृद्ध जीवन के लिए माताएं निराजल व्रत रहती है. यह उनकी बेहद कठिन तपस्या मानी जाती है. गणेश चतुर्थी के दिन रात्रि के समय हर छत पर माताएं चंद्रमा का दर्शन करके इस व्रत का पारण करते हुए देखी जाती हैं.

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