धर्मनगरी काशी में इन दिनों मोहम्मद और महादेव को लेकर जारी किए गए पोस्टर चर्चा में है. इन पोस्टर के साथ लोग अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं. बीते दिनों वाराणसी के सिगरा थाना अंतर्गत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था जिसमें कुछ नाबालिग युवक हाथ में आई लव मोहम्मद का पोस्टर लेकर सड़कों पर जाते देखे गए.
इस मामले में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से कार्रवाई करते हुए 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया. अब इसके विरोध में काशी के धर्माचार्यों ने आई लव महादेव पोस्टर के साथ कहा है कि यह नगरी भगवान शिव की नगरी है और महादेव से ही पहचानी जाती है. हम इस प्रकार के किसी भी जुलूस यात्रा का विरोध करते हैं.
पुलिस ने 20 अज्ञात पर दर्ज किया केस
वाराणसी में सिगरा थाना अंतर्गत कुछ नाबालिग युवकों द्वारा पोस्टर पर आई लव मोहम्मद लिखकर एक जुलूस निकाला गया था. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद वाराणसी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
मोहम्मद से नहीं महादेव से है काशी की पहचान- धर्माचार्य
अब इसके बाद काशी के धर्माचार्य ने इस जुलुस पर आपत्ति जताई है. अपने मठ पर आई लव महादेव के पोस्टर के साथ उन्होंने कहा है कि यह शहर भगवान शिव की नगरी के रूप में पहचाना जाता है और उन्हीं से ही इसकी पहचान है.
साथ ही यह भी कहा है कि इस प्रकार के किसी भी जुलूस यात्रा को आयोजित करना शहर के माहौल को बिगाड़ने जैसा है. पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु बालकदेवाचार्य ने कहा कि विदेशी फंडिंग के आधार पर इस प्रकार का जुलूस निकाला गया है, जो काशी की परंपरा के खिलाफ है. यह शहर भगवान शिव की नगरी के रूप में पूरी दुनिया में पहचाना जाता है.
पुलिस प्रशासन ने अब तक क्यों नहीं किया गिरफ्तार- धर्माचार्य
इसके अलावा उन्होंने वाराणसी पुलिस प्रशासन से भी सवाल पूछा कि इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत क्यों किया गया है. नामजद मुकदमा क्यों नहीं किया गया है और अब तक जो लोग इस जुलूस में शामिल थे उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई. इससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है. कुछ अधिकारी सरकार को बदनाम कराना चाहते हैं. इस प्रकार के आयोजन पर प्रशासन को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए.