वाराणसी के व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र माने जाने वाले दालमंडी से जुड़ा चौड़ीकरण अभियान लगातार सुर्खियों में है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे पर हुई बैठक के दौरान स्पष्ट दिशा निर्देश देते हुए बारिश के बाद यहां चौड़ीकरण अभियान शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है. बीते दिनों सरकार की कैबिनेट बैठक में आवश्यक बजट की भी स्वीकृति मिल गई है.

चौड़ीकरण अभियान के दौरान डेढ़ सौ से अधिक दुकान भवन के अलावा करीब आधा दर्जन मस्जिद भी इसकी जद में आ सकते हैं. इसको लेकर अब अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राहुल गांधी, अखिलेश यादव सहित अन्य सांसदों को भी पत्र लिखा है.

10000 लोगों के आजीविका पर गहराया संकट

देश के संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को लिखे गए पत्र के बारे में अंजुमन इंतजामियां मसाजिद के जॉइंट सेक्रेटरी मोहम्मद यासीन ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताया कि पत्र में स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख है कि दालमंडी व्यापार का प्रमुख केंद्र है और चौड़ीकरण अभियान से करीब 10000 लोगों की आजीविका सीधे तौर पर प्रभावित होगी.

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस क्षेत्र को चौड़ा करने के लिए बजट भी प्रस्तावित किया जा चुका है, जिसकी जद में सैकड़ो दुकान, मकान और आधा दर्जन धार्मिक स्थल भी आ सकते हैं. जबकि वर्तमान समय में देश आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और सामाजिक असंतुलन से जूझ रहा है. इस निर्णय से क्षेत्र के नागरिकों पर गहरा सामाजिक और आर्थिक आघात पहुंच सकता है. सरकार के इस अभियान का एक विकल्प भी मौजूद है जिसमें कम तोड़फोड़ और लागत संभव है.

मार्ग पर छह वक्फ की मस्जिदे

मोहम्मद यासीन ने यह भी कहा कि इस मार्ग पर छह प्राचीन पंजीकृत वक्फ की मस्जिद है, जिनका विध्वंस न सिर्फ संवैधानिक धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन होगा बल्कि यह देश के अल्पसंख्यक समुदाय में गहरी असुरक्षा और आक्रोश को उत्पन्न कर सकता है.

यह पूरी कार्य योजना एक विशेष समुदाय के विरुद्ध पूर्वाग्रह पूर्ण निर्णय की आशंका को भी जन्म देती है. जबकि माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इस परियोजना के विरुद्ध संबंधित मस्जिद और भवन स्वामियों को स्टे ऑर्डर प्रदान किया गया है. इसलिए हम देश के गणमान्य लोगों से प्रार्थना करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार की इस परियोजना को तत्काल प्रभाव से स्थगित कराने एवं इसके वैकल्पिक मार्ग के लिए मदद प्रदान करें.