उत्तर प्रदेश में वाराणसी का दालमंडी पूर्वांचल का सबसे बड़ा थोक मार्केट माना जाता है. महीनों से यह बाजार सुर्खियों में है. यहां सरकार की तरफ से सड़क चौड़ीकरण-सौंदरीकरण का कार्य शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य है की नई सड़क होते हुए चौक से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं को एक सुगम मार्ग उपलब्ध कराया जा सके. और करीब 180 से अधिक मकान इस चौड़ीकरण अभियान की जद में आ रहे हैं, जिस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई संभव है.

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जबकि इस कार्रवाई के विरोध में स्थानीय नागरिक और राजनीतिक दल भी आ चुके हैं, बावजूद इसके प्रशासनिक कार्रवाई नहीं रुकी. धरने में महिलाओं और बच्चों ने भी भाग लिया था.

अब तक 6 मकान पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई

वाराणसी दालमंडी की ग्राउंड रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार अब तक PWD, VDA और अन्य विभागीय कार्रवाई के बाद 6 मकान पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है. प्रशासन द्वारा अन्य चिन्हित मकान पर भी रजिस्ट्री के बाद यह कार्रवाई की जाएगी. चौड़ीकरण के दौरान स्थानीय व्यापारियों की नाराजगी और विरोध देखने को मिला, जहां उन्होंने इस अभियान के परिणाम को सबसे बड़ी रोजी-रोटी का संकट बताया है. उनका कहना है कि शासन प्रशासन द्वारा जानबूझकर दालमंडी को निशाना बनाया गया है जबकि मंदिर के लिए एक बेहतर मार्ग का विकल्प मौजूद रहा.

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समाजवादी पार्टी-कांग्रेस ने जताया विरोध

वहीं दालमंडी चौड़ीकरण अभियान को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी खुलकर मैदान में सामने आ चुके हैं, और उन्होंने इस मामले में व्यापारियों का समर्थन किया है. जहां एक तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ पार्टी मुख्यालय में दालमंडी के व्यापारियों से मुलाकात की और सीधे तौर पर इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा तो वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी इस मामले में स्थानीय व्यापारियों का साथ दिया है. हालांकि प्रशासन का इस मामले पर स्पष्ट कहना है कि यह कार्य जनहित में है. इसलिए कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत इसे पूरा किया जाएगा.